भोपाल। मंत्रालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव मुख्य रूप से मौजूद रहे. बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रदेश में क्रियान्वयन करने के संबंध में जानकारी दी.
समीक्षा बैठक के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार द्वारा जारी की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश शासन का उच्च शिक्षा विभाग ठोस प्रयास कर आगे बढ़ाने का काम किया जाए .छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए कोई कमी नहीं रहने दी जाए .
समीक्षा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के सकल नामांकन अनुपात को लगातार बढ़ाने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत साल 2035 तक प्रदेश का GER 21.2 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है.
जनता के सुझाव लिए जाएं
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रदेश में सफल क्रियान्वयन हो सके, इसके लिए जनता के सुझाव लिए जाने भी जरूरी हैं. उन्होंने अधिकारियों को पोर्टल के जरिए जनता के सुझाव लेने के निर्देश दिए. बैठक में विचार-विमर्श कर अधिकारियों और शिक्षाविदों से भी सुझाव लिए. उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि अगस्त के महीने में संभागस्तर पर विचार गोष्ठियों का आयोजन कर शिक्षाविदों से सुझाव लिए जाएं. इसके पश्चात ही मध्यप्रदेश में कोरोना की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनका परीक्षण कर नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें.
छात्र एक साथ कर सकेंगे दो डिग्री कोर्स
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को एक साथ 2 डिग्री कोर्स करने की सुविधा प्रदान की जाएगी. जिसमें छात्र-छात्राएं एक डिग्री नियमित विद्यार्थी के रूप में और दूसरी डिग्री दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में रोचक, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल दिया गया है. प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाकर इसे लागू किया जाएगा.
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मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार करके बहु-अनुशासनात्मक उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित करने और उच्च शिक्षा की क्षमता में बढ़ोतरी के लिए समग्र प्रयास किए जाएंगे. छात्र-छात्राओं को आनंदपूर्ण वातावरण के जरिए उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा छात्र-छात्राओं की जरूरतों को पूरा करने वाले शिक्षाक्रम पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को उदारवादी दृष्टिकोण रखकर लिबरल शिक्षा के लिए कार्य करने का निर्देश दिया है. वहीं इस बैठक में आयुक्त उच्च शिक्षा मुकेश शुक्ला सहित कई विश्वविद्यालयों के कुलपति और शिक्षाविद् मौजूद रहे.