भोपाल। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रालय में आध्यात्म विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं. मध्यप्रदेश में पुजारियों का अब बीमा कराया जाएगा, तो वहीं उनके बच्चों की शिक्षा पर भी सरकार मदद करेगी. साथ ही साहित्यकार और कलाकारों को मिलने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी की जाएगी.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि गुरुनानक देव साहिब के 550वें प्रकाश पर्व पर उनसे जुड़े देशभर के पांच आस्था स्थलों को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में जोड़ा जाएगा.
इन पांच स्थलों को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में जोड़ा जाएगा
ये स्थल नांदेड़, महाराष्ट्र में स्थित तख्त सचखंड हुजूर साहिब, पंजाब के आनंदपुर में स्थित केशगढ़ साहिब, पंजाब के बठिंडा में स्थित दमदमा साहिब, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित पौंटा साहिब और मणिकर्ण साहिब शामिल हैं. बैठक में पुजारियों और उनके परिवार के हितों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को भी स्वीकृति दी गई.
पुजारियों का होगा बीमा
बैठक में तय किया गया कि मंदिरों के पुजारियों और उनके परिवार के लिए कल्याणकारी योजनाएं भी चलाई जाएंगी, जिसमें उनके बच्चों की शिक्षा, गंभीर बीमारियों और दुर्घटना होने पर सहायता उपलब्ध करवाना और बीमा कराना शामिल होगा. पुजारियों को तीर्थ-दर्शन यात्रा की सुविधा दी जाएगी. उन्हें गौ-शाला चलाने के लिए भी सहायता दी की जाएगी. मंदिरों से जुड़े जो भी एक्ट हैं, उनमें आज की जरूरतों के हिसाब से आवश्यक संशोधन किए जाएंगे. बैठक में यह भी तय किया गया कि दादाधूनी दरबार के ट्रस्ट को भंग कर नया दादाधूनी दरबार अधिनियम लाया जाएगा.
कोस परिक्रमा के लिए दिए गए 5 करोड़
राम वन पथ गमन विकास परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रगति की जानकारी मांगी. बैठक में बताया गया कि राम वन पथ गमन के लिए चौरासी कोस परिक्रमा के लिए 5 करोड़ रुपए, कामदगिरी कॉरिडोर और गुप्त गोदावरी के विकास के लिए एक-एक करोड़ रुपए दिए गए हैं. महाकाल विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि इसकी एक अलग बैठक में समीक्षा की जाएगी, जिसमें अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली जाएगी.
सीएम कमलनाथ ने दिए अहम निर्देश
मुख्यमंत्री ने खंडवा स्थित दादाजी दरबार के विकास के संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की भी जानकारी ली. उन्होंने कहा कि यह स्थल देश के करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है . इसके विकास में श्रृद्धालुओं की भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाए. बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नर्मदा, मंदाकनी, शिप्रा नदी ट्रस्ट, तापी नदी ट्रस्ट एवं मठ मंदिर सलाहकार समिति एवं विभिन्न मंदिर समितियों के सदस्यों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए. बैटक में सीएम कमलनाथ द्वारा मंदिरों से जुड़े अदालती प्रकरणों में कलेक्टर को अधिकृत करने और शासकीय भूमि पर स्थित मंदिरों का नियमितिकरण करने को भी कहा गया. समीक्षा बैठक में जनसम्पर्क एवं अध्यात्म मंत्री पीसी शर्मा, मुख्य सचिव एसआर मोहन्ती, अपर मुख्य सचिव अध्यात्म मनोज श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.