भोपाल। कोरोना संक्रमण का सीधा असर प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है, जिसका प्रभाव अब सरकार के कामकाज पर भी दिखाई देने लगा है. मार्च के बाद राजस्व आय में भारी गिरावट आई है, जिसकी वजह से सरकार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है. यही वजह है कि वित्त विभाग ने मध्यप्रदेश मूलभूत नियम 24 के बाद नया प्रावधान शामिल करते हुए संशोधन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि राज्य के आर्थिक हालात पर ही कर्मचारियों की वेतन वृद्धि निर्भर है.
प्रदेश के कर्मचारियों को एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को दी जाने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि काल्पनिक रूप से देने का फैसला राज्य सरकार ने 2 दिन पहले ही किया था. जिसका वास्तविक वित्तीय लाभ कब से दिया जाएगा, इसको लेकर वित्त विभाग अलग से आदेश जारी करेगा, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए वित्त विभाग ने नियमों में संशोधन कर राज पत्र पर प्रकाशित किया है. जिसमें बताया गया है कि वित्त विभाग के नए प्रावधान के तहत किसी आपदा की स्थिति में राज्य को उससे स्वयं के कर या गैर कर राजस्व पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो सरकार वेतन वृद्धि को एक निश्चित अवधि के लिए रोक सकेगी, जिसके लिए सरकार अलग से आदेश देगी.
यह प्रावधान एक अप्रैल 2020 से प्रभावी किया गया है. सरकार ने भले ही अभी काल्पनिक रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का फैसला अपनी तरफ से कर लिया है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में वास्तविक लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा, आर्थिक स्थिति ठीक होने के बाद ही वेतन वृद्धि का लाभ कर्मचारियों को मिल सकता है.
फिलहाल कोरोना की वजह से इस साल कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होना संभव नजर नहीं आ रहा है. मार्च से ही लॉकडाउन किया गया है और इस दौरान शासकीय कर्मचारी कोरोना संक्रमण को रोकने पर ही विशेष ध्यान दे रहे हैं. ज्यादातर शासकीय कार्यालयों का कामकाज भी लगभग 4 माह से ठप पड़ा है. ऐसी स्थिति में राजस्व की स्थिति काफी खराब हो चुकी है, जिसे फिर से पटरी पर आने में काफी समय लग सकता है.