भोपाल| विधानसभा चुनाव के ठीक पहले शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई संबल योजना की जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. 15 जुलाई तक प्रदेश भर में हुए हितग्राहियों के सत्यापन में कई जिलों में 55 फीसदी तक हितग्राही अपात्र पाए गए हैं. जिसके बाद सत्यापन की तारीख को सात दिन और बढ़ा दिया गया है. वहीं कांग्रेस सरकार ने संबल योजना के स्थान पर नया सवेरा योजना शुरू की है और संबल योजना में फर्जीवाड़े की आशंका को देखते हुए इसके हितग्राहियों का सत्यापन कराने के आदेश दिए हैं.
विधानसभा चुनाव के पहले से संबल योजना कांग्रेस के निशाने पर रही है. चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इस योजना में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. सत्ता में आने के बाद श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने संबल योजना के स्थान पर नया सवेरा योजना लॉन्च की है. जिसके बाद प्रदेश भर में एक से 15 जुलाई तक प्रदेशभर में संबल योजना के हितग्राहियों का सत्यापन कार्य शुरू किया गया. संबल योजना के तहत पंजीकृत 2 करोड़ 30 लाख हितग्राहियों में से 19 लाख 58 हजार हितग्राहियों का सत्यापन कार्य किया गया, जिसमें से पांच लाख से ज्यादा हितग्राही अपात्र पाए गए हैं.
इसमें भोपाल जिले में सबसे ज्यादा 14 हजार हितग्राही अपात्र मिले हैं, जबकि 25 हजार हितग्राहियों की ही जांच हो पाई है. कई जिलों में सत्यापन का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है, जिसको देखते हुए जिलों के कलेक्टरों को सत्यापन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.