राजनांदगांव: जिले में नवजात बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण मिलने का मामला सामने आया है. मामले में डॉक्टरों का कहना है कि अब तक विश्व में 200 ऐसे मामले सामने आए हैं. अकेले भारत में 10 मामले ऐसे मिले हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में 2 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें नवजात शिशु के पेट में भ्रूण की मौजूदगी पाई गई है.
मामला उस समय का है, जब परिजन अपनी 6 दिन की बच्ची को लेकर जिले के गांधी नर्सिंग होम पहुंचे और डॉक्टर को बच्ची के पेट फुले होने की जानकारी दी, जिसके बाद डॉक्टर ने 6 दिन की बच्ची का चिकित्सकीय परीक्षण किया. टेस्ट में बच्ची के पेट में एक गोला पाया गया, जिसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ने बच्ची का सोनोग्राफी करने के बारे में सोचा और बच्ची को शहर के विधि डायग्नोसिस सेंटर में रेफर किया, जब बच्ची की सोनोग्राफी की गई तो इस दौरान बच्ची के पेट में अविकसित भ्रूण दिखाई दिया, जिसके हाथ पैर और दिमाग का कुछ हिस्सा बन चुका था.
'फिट्स इन फीटू कहा जाता है'
वहीं सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर अमित मोदी ने बताया कि 2 किलो वजन की बच्ची के भीतर एक और भ्रूण मिलना काफी दुर्लभ है. इस तरह के मामले को मेडिकल भाषा में फिट्स इन फीटू कहा जाता है, जो लगभग 5 लाख जीवित बच्चों में किसी एक के साथ ही ऐसा होता है.
ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है भ्रूण
डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के पेट में से भ्रूण को निकालने के लिए बच्ची का वजन 4 से 5 किलो होना जरूरी है. बच्ची के पेट में भ्रूण आवेशित है और उसके बढ़ने के कोई लक्षण नहीं है, जिसे ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है. इसके लिए उसे रायपुर रेफर किया जाएगा, लेकिन इस काम को करने के लिए लगभग 4 महीने का समय लगेगा.
चिकित्सक की देखरेख में रखी जाएगी 6 महीने की बच्ची
डॉक्टर ने बताया कि भारत में अब तक इस तरह के कुल 10 मामले सामने आए है. वहीं विश्व में लगभग 200 मामले सामने आए हैं. चिकित्सा के दृष्टिकोण से दो जुड़वा बच्चे बनने की स्थिति में इस तरह की घटना होती है. कई मामलों में बच्चे आपस में जुड़े पैदा होते हैं, तो कुछ मामलों में नवजात के पेट में ही इस तरह से भ्रूण विकसित हो जाता है. फिलहाल बच्ची को चिकित्सक की देखरेख में रखे जाने की सलाह परिजनों को दी गई है.