भोपाल। कोरोना संक्रमण का बढ़ता खतरा ट्रैफिक पुलिस के जवानों को सताने लगा है. जवानों को लॉकडाउन में वाहनों को रोककर चालकों के दस्तावेज चेक करने में डर लग रहा है. दरअसल, एक वाहन की पूरी चेकिंग और पूछताछ में करीब 10 से 12 मिनट का वक्त लग जाता है, इसलिए जवानों को संक्रमण का डर है. बता दें कि, ट्रैफिक के 2 पुलिस जवान कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद फील्ड में तैनात ट्रैफिक के सभी जवानों को कोरोना का डर सता रहा है.
लॉकडाउन में बेवजह घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. चौक चौराहों पर बैरिकेडिंग कर अब तक पुलिस ने हजारों वाहन चालकों पर शिकंजा कस चुकी है. चेकिंग प्वॉइंट पर वाहन चालकों की भीड़ लग जाती है. पुलिस कितना भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे, लेकिन वाहन चालक पास आकर बात करने लगते हैं. चालक वाहन को छुड़ाने के लिए अपने मोबाइल तक पुलिस कर्मियों को बात करने के लिए दे देते हैं. कई बार ट्रैफिक जवानों को मजबूरी में वाहन चालकों के मोबाइल से बात करनी पड़ती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
दूसरा खतरा चालान काटते वक्त नगदी का हो रहा है. क्योंकि यातायात पुलिस के पास ई चालान की मशीनें सभी चेकिंग पॉइंट्स पर उपलब्ध नहीं है. चेकिंग प्वाइंट पर कोई स्क्रीनिंग की सुविधा भी नहीं है, जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस जवानों को संक्रमित होने का डर लगा रहता है.
ट्रैफिक पुलिस के दो सिपाहियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद खतरा बढ़ गया है. जवान चेकिंग प्वाइंट पर डर के साए अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों के रुकने की व्यवस्था होटलों में की गई है. सभी ट्रैफिक जवानों के लिए मास्क, सैनिटाइजर और गर्म पानी की व्यवस्था की गई है. पूरी सुरक्षा के साथ शारीरिक दूरी बनाकर वाहन चालकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.