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बैंक से पैसा निकालना किसानों के लिए बना मुसीबत, खुले में गुजारनी पड़ रही है रात - Co-Operative Central Bank

भोपाल के नजीराबाद में बैंक की लाइन में लगे उपभोक्ताओं को नंबर न आने पर रात बैंक के बाहर ही गुजारनी पड़ रही है. आलम ये है कि ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों के दो चार होना पड़ रहा है.

Farmers have to spend the night outside in bhopal
किसानों को बाहर की गुजारनी पड़ रही रात
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Published : Aug 11, 2020, 1:27 PM IST

भोपाल। बैरसिया तहसील के नजीराबाद कस्बे की को-आपरेटिव सेंट्रल बैंक शाखा में प्रबंधन की उदासीनता के चलते किसान और स्थानीय ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. बैंक से पैसा निकालने के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है. नंबर न आने पर रात बैंक के बाहर ही गुजारनी पड़ रही है. आलम ये है कि ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों के दो चार होना पड़ रहा है. बैंक के बाहर अपनी पासबुक लाइन में लगा कर ज़मीन पर ही सो रहे हैं, जिससे कि सुबह जल्दी नंबर आ जाए. बैंक रोजाना सौ टोकन देता है, जिसकी वजह से सिर्फ सौ लोग ही पैसे निकाल पाते हैं और बाकी रह जाते हैं. जनप्रतिनिधि और किसान बार-बार बैंक में काउंटर बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

Farmers have to spend the night outside in bhopal
बैंक की लंबी लाइनें


यह पहली बार नहीं है, जब किसानों को इस तरह से परेशान होना पड़ रहा है. इससे पहले गेहूं के पैसे निकालने के लिए भी कई किसानों को रातभर बैंक के गेट पर आकर सोना पड़ा था. वही अब केसीसी के पैसों में भी वही हाल है. एक काउंटर होने के कारण किसानों को घंटों बैंक की लाइन में इंतजार का करना पड़ रहा है. नजीराबाद क्षेत्र के किसानों के हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं. जब किसानों से रात को बैंक के बाहर सोने की वजह जाननी चाही, तो किसानों का कहना था कि, बैंक प्रबंधन रोज़ाना 100 टोकन देता है. 100 से ऊपर होने पर किसान को अगले दिन आकर बैंक के बाहर अपने नम्बर के इंतजार ही में बैठना पड़ता है.

टोकन लेने के लिए लाइन में लगने वाले किसानों की संख्या लगभग 150 से 200 होती हैं, लेकन किसानों को मात्र 100 टोकन दिए जाते हैं. बाकी के 50 से 100 किसानों को खाली हाथ घर लौटना पड़ता है. वहीं मामले में बैरसिया एसडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव का कहना है कि, मामला मेरे संज्ञान में आया है. अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं, कि व्यवस्था बनाई जाए. किसानों को परेशान नहीं होने दिया जाए. मैं स्वयं भी वहां जाकर निरीक्षण करूंगा.

भोपाल। बैरसिया तहसील के नजीराबाद कस्बे की को-आपरेटिव सेंट्रल बैंक शाखा में प्रबंधन की उदासीनता के चलते किसान और स्थानीय ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. बैंक से पैसा निकालने के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है. नंबर न आने पर रात बैंक के बाहर ही गुजारनी पड़ रही है. आलम ये है कि ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों के दो चार होना पड़ रहा है. बैंक के बाहर अपनी पासबुक लाइन में लगा कर ज़मीन पर ही सो रहे हैं, जिससे कि सुबह जल्दी नंबर आ जाए. बैंक रोजाना सौ टोकन देता है, जिसकी वजह से सिर्फ सौ लोग ही पैसे निकाल पाते हैं और बाकी रह जाते हैं. जनप्रतिनिधि और किसान बार-बार बैंक में काउंटर बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

Farmers have to spend the night outside in bhopal
बैंक की लंबी लाइनें


यह पहली बार नहीं है, जब किसानों को इस तरह से परेशान होना पड़ रहा है. इससे पहले गेहूं के पैसे निकालने के लिए भी कई किसानों को रातभर बैंक के गेट पर आकर सोना पड़ा था. वही अब केसीसी के पैसों में भी वही हाल है. एक काउंटर होने के कारण किसानों को घंटों बैंक की लाइन में इंतजार का करना पड़ रहा है. नजीराबाद क्षेत्र के किसानों के हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं. जब किसानों से रात को बैंक के बाहर सोने की वजह जाननी चाही, तो किसानों का कहना था कि, बैंक प्रबंधन रोज़ाना 100 टोकन देता है. 100 से ऊपर होने पर किसान को अगले दिन आकर बैंक के बाहर अपने नम्बर के इंतजार ही में बैठना पड़ता है.

टोकन लेने के लिए लाइन में लगने वाले किसानों की संख्या लगभग 150 से 200 होती हैं, लेकन किसानों को मात्र 100 टोकन दिए जाते हैं. बाकी के 50 से 100 किसानों को खाली हाथ घर लौटना पड़ता है. वहीं मामले में बैरसिया एसडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव का कहना है कि, मामला मेरे संज्ञान में आया है. अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं, कि व्यवस्था बनाई जाए. किसानों को परेशान नहीं होने दिया जाए. मैं स्वयं भी वहां जाकर निरीक्षण करूंगा.

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