भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब हजार करोड़ रुपए के ई-टेंडर घोटाले में EOW की टीम ने गिरफ्तार आरोपी मनीष खरे को तीसरी बार रिमांड पर लिया है. मनीष खरे को कोर्ट में पेश कर ईओडब्ल्यू ने 5 दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन कोर्ट ने 10 जून तक रिमांड मंजूर किया है. अब ईओडब्ल्यू की टीम माइलस्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे से 10 जून तक पूछताछ करेगी. माना जा रहा है कि जिस तरीके से EOW बार बार मनीष खरे को रिमांड पर ले रही है, उससे बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है.
पहले पूछताछ में पुलिस के हाथ ऐसे सबूत भी लगे थे, जिनसे यह साफ हो रहा है कि मनीष खरे के संपर्क में ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन कंपनी के डायरेक्टरों के साथ-साथ जल निगम विभाग के अधिकारी भी थे. अब पुलिस मनीष खरे से बारीकी से पूछताछ कर रही है. पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू इस मामले में कई बड़े खुलासे भी कर सकती है. साथ ही मनीष खरे की निशानदेही पर कुछ अफसरों की भी गिरफ्तारी हो सकती है.
हाल ही में ईओडब्ल्यू ने मनीष खरे के चूना भट्टी स्थित 2 मकानों पर भी छापामार कार्रवाई की थी. इसमें मनीष खरे की मैक ईजी कंपनी के दुबई के पते पर रजिस्टर्ड होने के दस्तावेज ईओडब्ल्यू के हाथ लगे हैं. इस कंपनी को लेकर भी ईओडब्ल्यू की टीम मनीष खरे से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा ईओडब्ल्यू को जानकारी मिली है कि मनीष इससे पहले मध्य प्रदेश रेलवे के लिए भी छोटे-मोटे ठेके लिया करता था. लिहाजा इस बात की भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कहीं रेलवे के ठेकों में तो मनीष खरे ने कोई गड़बड़ी नहीं की है. मनीष खरे को 10 जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा.