भोपाल। स्कूल प्रिंसिपल रेखा शर्मा ने बताया कि यह बहुत बड़ी बात है कि हमारे स्कूल को टॉप 15 में स्थान मिला और ऐसा करने वाला एमपी का एकमात्र स्कूल है. उन्होंने बताया कि लगातार दूसरा साल है, जब माॅडल स्कूल ने इस रैकिंग में एमपी का प्रतिनिधित्व किया है. वहीं एकमात्र स्कूल है, जो इस रैकिंग में अपना स्थान बना पाया है. जबकि बाकी 14 स्कूल दूसरे राज्यों के हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कुल 15 पैरामीटर्स पर हमें परखा गया था. करीब 6 महीने पहले टीम आई थी और उसने उन पैरामीटर के हिसाब से पूरे स्कूल में सर्वे किया.
इसके बाद हाल ही में जब रिजल्ट आया तो हम टॉप 15 में 13वें स्थान पर थे. उन्होंने कहा कि अब हम नंबर एक के लिए मेहनत करेंगे. गौरतलब है कि अभी मॉडल स्कूल में कक्षा 6वीं से 12वीं तक लगभग 2500 बच्चे अध्ययनरत हैं और यह माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित होता है.
पैटर्न, पैरामीटर्स और नंबर्स: सर्वे के लिए कुल 15 पैरामीटर्स सेट किए गए थे. इनमें से कम्पटेंसी ऑफ फेकल्टी के लिए 200 नंबर तो बाकी सभी पैरामीटर्स के लिए 100 नंबर निर्धारित किए गए थे. इनमें स्पेशल नीड्स एजुकेशन को छोड़कर शेष सभी में मॉडल स्कूल को अच्छे नंबर मिले हैं.
किस पैरामीटर्स के लिए कितने नंबर मिले:
- टीचर वेलफेयर एंड डवलपमेंट 64
- कम्पटेंसी ऑफ फेकल्टी 200
- एकेडमिट रेपुटेशन 78
- को करिकुलम एजुकेशन एंड इंटरनेशनल 75
- स्पोर्टस एजुकेशन 57
- करिकुलम एंड पेडागॉगी (हाइब्रिड लर्निंग रेडीनेस) 60
- इंडिविजुअल अटेंशन टू स्टूडेंट 60
- पेरेंटल इनवॉल्वमेंट 64
- इंफ्रॉस्ट्रक्चर प्रोवीजन 66
- मेंटल एंड इमोशनल वेल बीइंग सर्विस 59
- वेल्यू फॉर मनी 79
- कम्युनिटी सर्विस 71
यहां पढ़ें... |
100 करोड़ के सीएम राइज पिछड़े: एक तरफ माशिम का स्कूल लगातार रिकार्ड बना रहा है, तो दूसरी तरफ एमपी सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत शुरू किए गए सीएम राइज स्कूल लगातार पिछड़ रहे हैं. तय किए गए पैरामीटर्स को देखकर स्कूलों ने आवेदन तक नहीं किया. इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी से बात करनी चाही तो उन्होंने भी जवाब नहीं दिया. जबकि सीएम राइज स्कूलों के प्रिंसिपल ने दबे स्वर में बताया कि स्कूल तो शुरू कर दिए, लेकिन हमें सुविधाएं नहीं दी गई.