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भोपाल में गन्ने का जूस बेचने वाले परेशान, लॉकडाउन से बिजनेस ठप - गन्ने का जूस बेचने वाले परेशान

भोपाल में अनलॉक 1.0 लगने के बावजूद गन्ने का रस बेचने वालों को कोई राहत नहीं मिली है. जिससे वे काफी परेशान हैं. साथ ही उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है. वहीं गन्ना उत्पादकों के गन्ने भी खराब हो गए हैं.

sugarcane juice machine
गन्ने की चरखी
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Published : Jun 14, 2020, 4:19 PM IST

भोपाल। लॉकडाउन का असर हर किसी पर पड़ा है. वहीं लोगों की आर्थिक स्थिति पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है. जिससे लोग परेशान हैं लेकिन अनलॉक 1.0 में मिली रियायतों के बाद लोगों को कुछ राहत मिली है. लेकिन गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले और बिकने वाले गन्ना जूस के विक्रेताओं को कोई राहत नहीं मिली है. जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है.

गर्मी का मौसम गन्ने के किसानों और उसका रस बेचने वालों का होता है हर चौराहे पर गन्ने की चरखी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते भोपाल में गन्ने की चरखियों के पहिए थम गए हैं. अनलॉक 1.0 में सभी दुकानदारों को छूट मिली है, लेकिन गन्ने का रस बेचने वालों को रस बेचने की इजाजत नहीं है. जिससे गन्ने के व्यापारी और रस बेचने वालों को लाखों का नुकसान हुआ है.

दीप चंद भोपाल में गन्ने के रस के विक्रेता हैं, इनके गन्ने की 3 चरखियां थी, यह गर्मी के मौसम में तीन चरखी से करीब 4 लाख रूपये कमा लेते थे. इनका व्यवसाय सिर्फ गर्मियों के मौसम में ही चलता था. लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण इनके लगभग 80 हजार के गन्ने खराब हो गए. जिन्हें फेंकना पड़ा है. सरकार से भी इन्होंने मदद की गुहार लगाई, लेकिन इन्हें कोई मदद नहीं मिली है.

भोपाल। लॉकडाउन का असर हर किसी पर पड़ा है. वहीं लोगों की आर्थिक स्थिति पर इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है. जिससे लोग परेशान हैं लेकिन अनलॉक 1.0 में मिली रियायतों के बाद लोगों को कुछ राहत मिली है. लेकिन गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले और बिकने वाले गन्ना जूस के विक्रेताओं को कोई राहत नहीं मिली है. जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है.

गर्मी का मौसम गन्ने के किसानों और उसका रस बेचने वालों का होता है हर चौराहे पर गन्ने की चरखी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते भोपाल में गन्ने की चरखियों के पहिए थम गए हैं. अनलॉक 1.0 में सभी दुकानदारों को छूट मिली है, लेकिन गन्ने का रस बेचने वालों को रस बेचने की इजाजत नहीं है. जिससे गन्ने के व्यापारी और रस बेचने वालों को लाखों का नुकसान हुआ है.

दीप चंद भोपाल में गन्ने के रस के विक्रेता हैं, इनके गन्ने की 3 चरखियां थी, यह गर्मी के मौसम में तीन चरखी से करीब 4 लाख रूपये कमा लेते थे. इनका व्यवसाय सिर्फ गर्मियों के मौसम में ही चलता था. लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण इनके लगभग 80 हजार के गन्ने खराब हो गए. जिन्हें फेंकना पड़ा है. सरकार से भी इन्होंने मदद की गुहार लगाई, लेकिन इन्हें कोई मदद नहीं मिली है.

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