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बंगाल में डॉक्टर्स से मारपीट एमपी में हड़ताल, डॉक्टर्स को चाहिए प्रोटेक्शन एक्ट - डॉक्टर्स की सुरक्षा

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के दूसरे शहरों में डॉक्टरों ने हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया.

बंगाल में डॉक्टर्स से मारपीट एमपी में हड़ताल
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Published : Jun 17, 2019, 10:19 PM IST

भोपाल/जबलपुर/विदिशा। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के दूसरे शहरों में डॉक्टरों ने हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टर प्रशासन से सुरक्षा एक्ट की मांग कर रहे हैं. भोपाल और जबलपुर में डॉक्टरों ने सुरक्षा को लेकर संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

बंगाल में डॉक्टर्स से मारपीट एमपी में हड़ताल

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के ऊपर हुए हमले को लेकर पूरे देश में डॉक्टरों का आक्रोश देखने को मिल रहा है और सभी जगह यहीं मांग है कि डॉक्टर्स के लिए एक प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए.

राजधानी भोपाल के सभी डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मिलकर अपनी सुरक्षा और अन्य मांगों को लेकर हमीदिया अस्पताल से लेकर संभागयुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर अपनी मांगों का ज्ञापन संभागयुक्त कल्पना श्रीवास्तव को सौंपा.

हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने को मिला. निजी अस्पतालों से लेकर महाकौशल के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल में घटना से नाराज अस्पताल के करीब 300 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स ने सुरक्षा की मांग करते हुए अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और डीन को ज्ञापन सौंपा.

विदिशा में आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र सोनकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जिले भर के डॉक्टर बंद का समर्थन कर रहे हैं. इस आंदोलन में देश के सभी डॉक्टर साथ खड़े हैं. इसके अलावा सरकारी डॉक्टर और निजी डॉक्टरों ने अपनी क्लीनिक अस्पताल बंद रखने का ऐलान किया.

भोपाल/जबलपुर/विदिशा। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के दूसरे शहरों में डॉक्टरों ने हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टर प्रशासन से सुरक्षा एक्ट की मांग कर रहे हैं. भोपाल और जबलपुर में डॉक्टरों ने सुरक्षा को लेकर संभागायुक्त को ज्ञापन सौंपा.

बंगाल में डॉक्टर्स से मारपीट एमपी में हड़ताल

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के ऊपर हुए हमले को लेकर पूरे देश में डॉक्टरों का आक्रोश देखने को मिल रहा है और सभी जगह यहीं मांग है कि डॉक्टर्स के लिए एक प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए.

राजधानी भोपाल के सभी डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मिलकर अपनी सुरक्षा और अन्य मांगों को लेकर हमीदिया अस्पताल से लेकर संभागयुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर अपनी मांगों का ज्ञापन संभागयुक्त कल्पना श्रीवास्तव को सौंपा.

हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने को मिला. निजी अस्पतालों से लेकर महाकौशल के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल में घटना से नाराज अस्पताल के करीब 300 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स ने सुरक्षा की मांग करते हुए अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और डीन को ज्ञापन सौंपा.

विदिशा में आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र सोनकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जिले भर के डॉक्टर बंद का समर्थन कर रहे हैं. इस आंदोलन में देश के सभी डॉक्टर साथ खड़े हैं. इसके अलावा सरकारी डॉक्टर और निजी डॉक्टरों ने अपनी क्लीनिक अस्पताल बंद रखने का ऐलान किया.

Intro:एंकर :-- पश्चिम बंगाल के कोलकाता मे इंटर्न डाॅक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद से देश भर के डॉक्टरों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है...साथी डॉक्टर से हुई मारपीट के विरोध मे आज से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टर 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल पर चले गए है...यदि सरकार अब भी नहीं चेतती है तो वह अपनी मांगे मनवाने आगे अनिश्चित कालीन हड़ताल का रुखअख्त्यार करेगें...डॉक्टरों ने एक ज्ञापन भी डीन को सौप।Body:आईएमए के आवाहन पर बुलाई गई इस हड़ताल के समर्थन में एक जुट होकर डॉक्टरों ने गांव से लेकर देश की राजधानी तक प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया...आईएमए की इस हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने मिला..जहां निजी अस्पतालों से लेकर महाकौशल के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल मे घटना से नाराज अस्पताल के करीब 300 से ज्यादा जूनियर डाॅक्टर्स ने सुरक्षा की मांग करते हुए अस्पताल के बाहर किया...इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ मेडिकल अस्पताल में ओपीडी सहित तमाम सेवाएं बंद रखी गई...विरोध जता रहे जूनियर डाॅक्टर्स का कहना था... कि उनके साथ पूर्व में भी कई बार मारपीट की घटनाएं हो चुकी है..

बाइट - अक्षय जूनियर डॉक्टर
बाइट- पन्ना लाल पीड़ित
बाइट - नंदनी पीड़िताConclusion:लेकिन बावजूद उसके सुरक्षा को लेकर सरकार लगातार उदासीन रूख अपना रही है...इसलिए सरकार को अब उनकी सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए,
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