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जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार करने वालों को सुनाई सजा

राजधानी की जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार करने वाले आरोपियों को सजा सुनाई है. जिसमें मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

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Published : Feb 29, 2020, 11:42 PM IST

District court sentenced those who prepared fake leases with fake documents
जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार करने वाले आरोपियों को सुनाई सजा

भोपाल। राजधानी की जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार कर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास, अन्य 9 आरोपियों को 7 साल और 10 साल की सजा के साथ एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई ईओडब्ल्यू की जांच के आधार पर की गई है.

जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार करने वाले आरोपियों को सुनाई सजा

बता दें कि मुख्य आरोपी बाबूलाल सुनहरे जो 2003-07 के बीच पूर्व जिलाधीश कार्यालय भोपाल में चपरासी के रूप में लोक सेवा करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर रहा था. जिले में विभिन्न सरकारी जमीन के पट्टे और राजस्व विभाग की नोटशीट तैयार कर, इनके माध्यम से फर्जी संपत्तियों को बेचता था और अवैध तरीके से पैसा कमाकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी थी. इस मामले में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर की थी, जिसके बाद इसमें 11 लोगों को आरोपी माना गया, जिसमें से 10 आरोपियों को सजा सुना दी गई है वहीं एक आरोपी को दोष मुक्त किया गया.

मुख्य आरोपी बाबूलाल सुनहरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है वहीं अन्य 9 आरोपियों को 7 साल 10 साल की सजा के साथ 1लाख रुपए से दंडित किया गया है.

भोपाल। राजधानी की जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार कर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास, अन्य 9 आरोपियों को 7 साल और 10 साल की सजा के साथ एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई ईओडब्ल्यू की जांच के आधार पर की गई है.

जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज से फर्जी पट्टे तैयार करने वाले आरोपियों को सुनाई सजा

बता दें कि मुख्य आरोपी बाबूलाल सुनहरे जो 2003-07 के बीच पूर्व जिलाधीश कार्यालय भोपाल में चपरासी के रूप में लोक सेवा करते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर रहा था. जिले में विभिन्न सरकारी जमीन के पट्टे और राजस्व विभाग की नोटशीट तैयार कर, इनके माध्यम से फर्जी संपत्तियों को बेचता था और अवैध तरीके से पैसा कमाकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी थी. इस मामले में ईओडब्ल्यू ने एफआईआर की थी, जिसके बाद इसमें 11 लोगों को आरोपी माना गया, जिसमें से 10 आरोपियों को सजा सुना दी गई है वहीं एक आरोपी को दोष मुक्त किया गया.

मुख्य आरोपी बाबूलाल सुनहरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है वहीं अन्य 9 आरोपियों को 7 साल 10 साल की सजा के साथ 1लाख रुपए से दंडित किया गया है.

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