भोपाल। राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वैचारिक स्पष्टता का अभाव पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है. कभी राहुल गांधी के करीबी रहे दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि 'कांग्रेस के कनिष्ठ या वरिष्ठ नेताओं के बीच वैचारिक स्पष्टता अधिक महत्वपूर्ण है यह वैचारिक स्पष्टता की ही कमी है जो अस्पष्ट रुख की ओर ले जाती है. कुछ लोग आरएसएस से लड़ने में क्यों शर्माते हैं ? गरीब विरोधी, किसान विरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियां भारत की एकता और अखंडता को नष्ट कर रही है, इसके सामाजिक आर्थिक ताने-बाने को नष्ट कर रही है'
दिग्विजय ने यह भी कहा कि 'कांग्रेस में कौन राहुल या प्रियंका का विरोधी है. एक वरिष्ठ नेता का नाम लें. पूरी कांग्रेस नेहरू गांधी परिवार के साथ खड़ी है. वे जोड़े रखने वाली ताकत हैं.' बता दें कि पार्टी के भीतर हालिया बहस तब शुरू हुई, जब कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह मुद्दा उठाया कि मोदी पर सीधे हमला करने के बजाय पार्टी को उनकी नीतियों पर निशाना साधना चाहिए. इस पर काउंटर करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की सभी नीतियां प्रधानमंत्री द्वारा बनाई गई हैं. कथित तौर पर राहुल गांधी ने कहा कि वह 'डरे हुए नहीं हैं'.
इस घटना को लेकर गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में एक नेता को बोलने से रोका जाता है. हालांकि कांग्रेस ने तुरंत इसका जवाब दिया था कि पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करती है.