भोपाल। गाडरवारा से कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल पिछले 13 दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र में किए जा रहे अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन ग्रामीण क्षेत्रों में जुआं और सट्टा एवं शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगाने, साथ ही नरसिंहपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी का तबादला किए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी हुई थीं. गृह विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नरसिंहपुर के एएसपी का तबादला कर दिया गया है, इसके बाद धरना स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पहुंचकर विधायक सुनीता पटेल का धरना समाप्त करवाया है.
गृह विभाग ने नरसिंहपुर जिले के एएसपी राजेश तिवारी को भोपाल के पुलिस मुख्यालय में अटैच किया है, कांग्रेस विधायक भी लगातार एएसपी के तबादले की मांग कर रहीं थीं, 21 सितंबर को विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया था, उस दिन से ही सुनीता पटेल ने अपना धरना शुरू कर दिया था, लेकिन विधानसभा का सत्र 1 दिन में ही स्थगित होने के बाद उन्होंने अपना धरना विधायक विश्राम गृह पर शुरू कर दिया. विधायक का धरना समाप्त करवाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, जीतू पटवारी एवं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी धरना स्थल पर पहुंचे और उन्हें जूस पिलाकर उनका धरना समाप्त करवाया.
इस दौरान कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल ने कहा कि विगत महीनों से उनके विधानसभा क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है. क्षेत्र में भय और आतंक का माहौल बन गया है. अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि रेत खदानों पर अवैध शस्त्रों से आए दिन खुलेआम फायरिंग की जा रही है और ऐसी स्थिति में क्षेत्र में लोगों के बीच दहशत फैलाने का काम भी किया जा रहा है.
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि नरसिंहपुर के ग्रामीण क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म की घटना घटित होती है और वो इस घटना की शिकायत के लिए पुलिस के पास पहुंचती है, पुलिस उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह उनके परिवार के सदस्यों को ही थाने में बिठा लेती है. 2 दिनों तक जब मामले को लेकर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई तो आखिरकार महिला ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. उसके बाद कार्रवाई के नाम पर पुलिस लीपापोती करने में जुट जाती है, यदि सरकार ने सही समय पर एएसपी का तबादला कर दिया होता तो शायद ये घटना घटित नहीं होती, इस पूरी घटना के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं.