भोपाल। लोगों के जीवन में डिप्रेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लिहाजा राजधानी भोपाल के फेमिली कोर्ट में लॉकडाउन के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों की काउंसलिंग की जा रही है. काउंसलिंग के दौरान डिप्रेशन के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि लॉकडाउन में कई लोग घर बैठकर काम कर रहे हैं. ऑफिस नहीं जा रहे है. ऐसे में काम का प्रेशर और अकेलापन इंसान को गलत विचारों के साथ जुड़ने पर मजबूर कर देता है और यही वजह है कि डिप्रेशन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन डिप्रेशन भी कई प्रकार के होते हैं और इन्हीं अलग प्रकार के मामले फैमिली कोर्ट में आ रहे हैं.
हाल ही में एक मामला फैमिली कोर्ट में आया है. जहां 58 साल के व्यक्ति ने तलाक के लिए अर्जी लगाई है. वजह कुछ भी नहीं, लेकिन शादीशुदा जीवन से फ्री होना चाहता है. यह मामला फैमिली कोर्ट में आया जिसकी सुनवाई अभी चल रही है. इस मामले में चोंकाने वाली बात यह है कि हस्ती खेलती फैमिली का हिस्सा होने के बावजूद बिना रीजन के तलाक क्यों.
फैमिली कोर्ट में अनोखे मामले
काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते लोग घर में बैठकर तरह-तरह के विचार मन में ला रहे हैं. कई अपने समय का सही उपयोग कर रहे हैं तो कई घर बैठकर इस तरह के विचारों में उलझ चुके हैं. जहां वह अपने आप को खत्म कर रहे हैं. ऐसे कई मामले फैमिली कोर्ट में आए, लेकिन ये मामला अनोखा इसीलिए था, क्योंकि इस मामले में 58 साल के बुजुर्ग के दो बच्चे हैं. एक 42 साल का है और एक 25 साल का है. बड़े बेटे की शादी हो चुकी है और घर गृहस्ती भी काफी अच्छी है. बावजूद इसके बिना किसी बात के तलाक की अर्जी ने काउंसलर को भी हैरान परेशान कर दिया.
परिवार था तलाक के खिलाफ
काउंसलिंग के बीच में ही दंपति के छोटे बेटे ने शर्म के कारण आत्महत्या करने का प्रयास किया. इसके बावजूद उस व्यक्ति की परिवार से अलग होकर एकांत जीवन जीने की इच्छा है. जब काउंसलर ने पूछा इतनी अच्छी लाइफ है. परिवार है फिर तलाक क्यों तो उसने जवाब दिया कि मुझे अब शादी बोझ लगने लगी है. अपने परिवार का पूरा खर्चा उठा लूंगा, लेकिन मैं शादीशुदा जीवन में नहीं रह पाऊंगा, अब मुझे अकेले रहना है और अकेले ही जीवन व्यतीत करना है. वहीं इस पूरे मामले में उस व्यक्ति का परिवार उसके साथ नहीं है. पत्नी तलाक नहीं चाहती, वहीं बच्चे भी तलाक के बिल्कुल खिलाफ है, क्योंकि इस उम्र में अगर तलाक होता है तो समाज में नाम खराब होगा. हालांकि मामले की काउंसलिंग अभी चल रही है और इसके सकारात्मक नतीजे आने की उम्मीद है.
डिप्रेशन के सबसे ज्यादा मामले
काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से लोग डिप्रेशन के शिकार हुए है. जिसके मामले भी फैमिली कोर्ट में आ रहे हैं. काउंसलर सरिता राजानी ने कहा कि कहीं व्यक्ति डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर लेता है तो कहीं डिप्रेशन के चलते अजीब तरह के डिसीजन लेने लग जाता है, जिसके चलते उसकी फैमिली बर्बाद हो जाती है. ऐसे ही मामले की काउंसलिंग अभी फैमिली कोर्ट में चल रही है, जो चौंकाने वाली है. काउंसलर सरिता राजानी बताती हैं, ऐसे मामलों में बहुत जरूरी है कि शुरुआत से ही व्यक्ति की काउंसलिंग हो. जिससे वह गलत डिसीजन लेने से बच सकें