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लापरवाही की हद: गर्भ में हुई बच्चे की मौत, 4 दिन बाद हुआ प्रसव

राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है, जहां एक गर्भवती महिला के गर्भ में बच्चे की मौत होने के बाद भी 4 दिन तक उसकी डिलीवरी नहीं की गई, परिजनों के हंगामें के बाद प्रबंधन ने मरीज की सुध ली.

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Published : Jun 21, 2020, 2:58 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल का जिला अस्पताल जेपी अक्सर अपनी सुविधाओं के कारण तो कभी लापरवाही की वजह से सुर्खियों में बना रहता है. खास तौर पर यहां मरीजों के साथ आये दिन होने वाली लापरवाहियों के चर्चे होते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला रविवार को सामने आया है, जिसमें जिला अस्पताल में हुई एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, एक गर्भवती महिला के पेट में बच्चे की मौत होने के बाद भी 4 दिन तक उसकी डिलीवरी नहीं की गई.

मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल के अवधपुरी बीडीए कॉलोनी में रहने वाली 23 वर्षीय गर्भवती महिला को 17 जून की सुबह जिला अस्पताल लेकर आया गया था, जहां डॉक्टर ने महिला की जांच करने के बाद जानकारी दी कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी है पर इसके 4 दिन बाद भी महिला की डिलीवरी नहीं की गई. शनिवार देर शाम जब महिला की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर ने महिला को सुल्तानिया अस्पताल ले जाने को कहा जिस पर परिवारजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बाद डॉक्टर्स ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी कर मृत बच्चे को बाहर निकाला.

इस पूरी घटना पर सिविल सर्जन डॉक्टर आरके तिवारी का कहना है कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी कि इतने दिनों तक पीड़ित महिला की डिलीवरी क्यों रोककर रखी गयी, इसके लिए संबंधित को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा.

भोपाल। राजधानी भोपाल का जिला अस्पताल जेपी अक्सर अपनी सुविधाओं के कारण तो कभी लापरवाही की वजह से सुर्खियों में बना रहता है. खास तौर पर यहां मरीजों के साथ आये दिन होने वाली लापरवाहियों के चर्चे होते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला रविवार को सामने आया है, जिसमें जिला अस्पताल में हुई एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, एक गर्भवती महिला के पेट में बच्चे की मौत होने के बाद भी 4 दिन तक उसकी डिलीवरी नहीं की गई.

मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल के अवधपुरी बीडीए कॉलोनी में रहने वाली 23 वर्षीय गर्भवती महिला को 17 जून की सुबह जिला अस्पताल लेकर आया गया था, जहां डॉक्टर ने महिला की जांच करने के बाद जानकारी दी कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी है पर इसके 4 दिन बाद भी महिला की डिलीवरी नहीं की गई. शनिवार देर शाम जब महिला की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर ने महिला को सुल्तानिया अस्पताल ले जाने को कहा जिस पर परिवारजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बाद डॉक्टर्स ने महिला की नॉर्मल डिलीवरी कर मृत बच्चे को बाहर निकाला.

इस पूरी घटना पर सिविल सर्जन डॉक्टर आरके तिवारी का कहना है कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी कि इतने दिनों तक पीड़ित महिला की डिलीवरी क्यों रोककर रखी गयी, इसके लिए संबंधित को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा.

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