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दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी परेशानी, ना खाना, ना राशन, कैसे जाएं अपने घर - Laborers trapped in Bhopal

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है. लेकिन यह लॉकडाउन दिहाड़ी मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. राजधानी भोपाल में कई ऐसे मजदूर हैं जो फंसे हुए हैं. इन मजदूरों के पास खाना का सामान भी खत्म हो गया है. इसके साथ ही पैसे भी नहीं है. इन दिनों मजदूर सरकार और जिला प्रशासन के रहमोकरम पर जिंदा हैं.

Daily laborers problem increased in Lockdown 2.0
दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी परेशानी
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Published : Apr 25, 2020, 12:10 AM IST

Updated : Apr 27, 2020, 9:23 AM IST

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का फैसला किया है. तभी से एक वर्ग की दुनिया में उथलपुथल शुरु हो गया है और यह जद्दोजहद कब खत्म होगी इसका किसी के पास कोई जबाव नहीं हैं. ये वो वर्ग है जो दूरदराज गांव, कस्बों और छोटे शहरों से रोजी के लिए बड़े-बड़े महानगरों में काम करता है. लेकिन देश में लॉकडाउन को देखते हुए अलग-अलग राज्यों और शहरों में फंसे मजदूरों के लिए ये दिन गले में फांस साबित हो रहे हैं.

दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी परेशानी

डिंडौरी के छाटा गांव के रहने वाले मजदूर राधेश्याम राठौर ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि वह भोपाल में पिछले एक महीने से रह रहे हैं. काम भी बंद हो गया है. पैसे भी खत्म हो गए हैं और हल्का-फुल्का खाकर गुजारा कर रहे हैं. वहीं भोपाल के एमपी नगर में नूडल्स वड़ा पाव और खानेपीने की छोटी मोटी दुकानों पर काम करने वाले मजदूरों का भी यही हाल है. इनके पास सिर छिपाने तक की जगह नहीं है. यह मजदूर जिन दुकानों पर यह काम करते थे वही सो जाते हैं और एक वक्त का खाना कभी-कभी इन मजदूरों को निगम या फिर किसी सामाजिक संस्था से मिल जाता है. ठेले पर काम करने वाले मजदूर अनिल कुमार ने बताया कि मैं फरवरी में काम के लिए भोपाल आया था लेकिन मार्च में ही लॉकडाउन लग गया. खाने को लेकर मजदूर ने कहा कि प्रशासन की ओर से एक समय खिचड़ी मिल रही है.

वहीं स्थानीय प्रशासन यह कहकर अपना दावा मजदूरों के मामले में मजबूत कर रहा है कि भोपाल के हर वार्ड में खाने के लिए एक वाहन चलाया जा रहा है. पीआरओ प्रेमशंकर शुक्ला का कहना है कि जो भी अधिकारी, व्यक्ति या संस्था लोगों को खाना खिलाना चाहते हैं तो वह निगम के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकता है.

सभी मजदूरों का कहना है कि जिला प्रशासन उन्हें उनके घरों तक पहुंचाना का प्रबंध कर दे. मजदूरों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि लॉकडाउन खत्म हो या न हो लेकिन सभी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचा दिया जाए तो वह राहत की सांस मिल जाएगी.

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का फैसला किया है. तभी से एक वर्ग की दुनिया में उथलपुथल शुरु हो गया है और यह जद्दोजहद कब खत्म होगी इसका किसी के पास कोई जबाव नहीं हैं. ये वो वर्ग है जो दूरदराज गांव, कस्बों और छोटे शहरों से रोजी के लिए बड़े-बड़े महानगरों में काम करता है. लेकिन देश में लॉकडाउन को देखते हुए अलग-अलग राज्यों और शहरों में फंसे मजदूरों के लिए ये दिन गले में फांस साबित हो रहे हैं.

दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ी परेशानी

डिंडौरी के छाटा गांव के रहने वाले मजदूर राधेश्याम राठौर ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि वह भोपाल में पिछले एक महीने से रह रहे हैं. काम भी बंद हो गया है. पैसे भी खत्म हो गए हैं और हल्का-फुल्का खाकर गुजारा कर रहे हैं. वहीं भोपाल के एमपी नगर में नूडल्स वड़ा पाव और खानेपीने की छोटी मोटी दुकानों पर काम करने वाले मजदूरों का भी यही हाल है. इनके पास सिर छिपाने तक की जगह नहीं है. यह मजदूर जिन दुकानों पर यह काम करते थे वही सो जाते हैं और एक वक्त का खाना कभी-कभी इन मजदूरों को निगम या फिर किसी सामाजिक संस्था से मिल जाता है. ठेले पर काम करने वाले मजदूर अनिल कुमार ने बताया कि मैं फरवरी में काम के लिए भोपाल आया था लेकिन मार्च में ही लॉकडाउन लग गया. खाने को लेकर मजदूर ने कहा कि प्रशासन की ओर से एक समय खिचड़ी मिल रही है.

वहीं स्थानीय प्रशासन यह कहकर अपना दावा मजदूरों के मामले में मजबूत कर रहा है कि भोपाल के हर वार्ड में खाने के लिए एक वाहन चलाया जा रहा है. पीआरओ प्रेमशंकर शुक्ला का कहना है कि जो भी अधिकारी, व्यक्ति या संस्था लोगों को खाना खिलाना चाहते हैं तो वह निगम के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकता है.

सभी मजदूरों का कहना है कि जिला प्रशासन उन्हें उनके घरों तक पहुंचाना का प्रबंध कर दे. मजदूरों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि लॉकडाउन खत्म हो या न हो लेकिन सभी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचा दिया जाए तो वह राहत की सांस मिल जाएगी.

Last Updated : Apr 27, 2020, 9:23 AM IST
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