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फर्जी स्टूडेंट के नाम पर हुआ था 'महाघोटाला', पांच साल बाद भी जांच अधूरी

अनुसूचित जाति, जनजाति के स्टूडेंट की स्कॉलरशिप के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला गया है. ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी का कहना है कि मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी.

फर्जी स्टूडेंट के नाम पर हुआ था 'महाघोटाला'
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Published : Jul 15, 2019, 11:44 PM IST

भोपाल| प्रदेश में स्कॉलरशिप के नाम पर हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच पांच साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. 2008 से 2015 के बीच पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम पर हुई अनियमितता के मामले में 126 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. लोकायुक्त में 100 मामले, ईओडब्ल्यू में 22 मामले और पुलिस थानों में चार मामले दर्ज किए थे. ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी का कहना है कि मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी.

अनुसूचित जाति, जनजाति के स्टूडेंट की स्कॉलरशिप के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. कॉलेज संचालकों और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला हुआ था. अधिकारियों ने कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर शासन से स्कॉलरशिप के नाम पर पैसा लिया और फर्जी स्टूडेंट के नाम पर पूरा पैसा खा लिया.

फर्जी स्टूडेंट के नाम पर हुआ था 'महाघोटाला'

मामले की परतें खुलीं तो गड़बड़ी में प्रदेश में 40 से ज्यादा कॉलेजों के नाम सामने आए. प्रदेशभर में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 122 मामले दर्ज किए गए थे. मामले में विभाग ने छह लाख 30 हजार रुपये की वसूली की थी.

स्कॉलरशिप फर्जीवाड़े मामले में भोपाल के एलबीएस पैरामेडिकल कॉलेज के खिलाफ अलग-अलग 33 मामले दर्ज हैं. इस मामले में कॉलेज संचालकों के अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त प्रेम कुमार पांडे आरोपी हैं. मामले में आरोपी अनिल श्रीवास्तव सहित कई आरोपी रिटायर्ड हो चुके हैं.

भोपाल| प्रदेश में स्कॉलरशिप के नाम पर हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच पांच साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. 2008 से 2015 के बीच पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम पर हुई अनियमितता के मामले में 126 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. लोकायुक्त में 100 मामले, ईओडब्ल्यू में 22 मामले और पुलिस थानों में चार मामले दर्ज किए थे. ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी का कहना है कि मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी.

अनुसूचित जाति, जनजाति के स्टूडेंट की स्कॉलरशिप के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. कॉलेज संचालकों और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला हुआ था. अधिकारियों ने कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर शासन से स्कॉलरशिप के नाम पर पैसा लिया और फर्जी स्टूडेंट के नाम पर पूरा पैसा खा लिया.

फर्जी स्टूडेंट के नाम पर हुआ था 'महाघोटाला'

मामले की परतें खुलीं तो गड़बड़ी में प्रदेश में 40 से ज्यादा कॉलेजों के नाम सामने आए. प्रदेशभर में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 122 मामले दर्ज किए गए थे. मामले में विभाग ने छह लाख 30 हजार रुपये की वसूली की थी.

स्कॉलरशिप फर्जीवाड़े मामले में भोपाल के एलबीएस पैरामेडिकल कॉलेज के खिलाफ अलग-अलग 33 मामले दर्ज हैं. इस मामले में कॉलेज संचालकों के अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव, सहायक आयुक्त प्रेम कुमार पांडे आरोपी हैं. मामले में आरोपी अनिल श्रीवास्तव सहित कई आरोपी रिटायर्ड हो चुके हैं.

Intro:मध्यप्रदेश में स्कॉलरशिप के नाम पर हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच के मामले 5 साल बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। 2008 से 2015 के बीच पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के नाम पर हुई अनियमितता के मामले में 126 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे, इसमें लोकायुक्त में 100 प्रकरण, ईओडब्ल्यू में 22 प्रकरण और थानों में 4 प्रकरण दर्ज किए गए थे। इसको लेकर ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी का कहना है कि मामले की जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी।


Body:अनुसूचित जाति जनजाति के स्टूडेंट की छात्रवृत्ति के नाम पर हुआ फर्जीवाड़ा जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला गया है। वर्ष 2008 से 2015 के बीच कॉलेज संचालकों और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला हुआ था। अधिकारियों ने कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर शासन से स्कॉलरशिप के नाम पर पैसा लिया और फर्जी स्टूडेंट के नाम पर पूरा पैसा डकार गए। मामले की परतें कुली तो गड़बड़ी में प्रदेश के 40 से ज्यादा कॉलेजों के नाम सामने आए। बाद में प्रदेशभर में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में 122 मामले दर्ज किए गए थे। मामले में विभाग ने 6 लाख 30 हज़ार रुपये की वसूली की थी।

भोपाल में एक ही कॉलेज पर 33 मामले दर्ज
स्कॉलरशिप फर्जीवाड़े मामले में भोपाल के एलबीएस पैरामेडिकल कॉलेज के खिलाफ अलग-अलग 33 मामले दर्ज हैं। इस मामले में कॉलेज संचालकों के अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव सहायक आयुक्त प्रेम कुमार पांडे आरोपी हैं। मामले में आरोपी अनिल श्रीवास्तव सहित कई आरोपी रिटायर्ड हो चुके हैं। उधर जब मामले को लेकर eow के डीजी के एन तिवारी से बात की गई तो उनका कहना है कि जिन कॉलेंजों ने फर्जी दस्तावेज से बच्चों को एडमिशन देकर फर्जीवाड़ा किया है, ऐसे कॉलेजों का परीक्षण कराया जा रहा है।


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