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प्रदेश में अब गेहूं की खरीदी हुई बंद, फसल के उठाव पर सरकार का ध्यान - Wheat purchase stopped in MP

प्रदेश में इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 129 लाख 34 हजार टन हुई है, जिसने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. हालांकि सरकार का अब पूरा ध्यान गेहूं के केंद्रीय पूल में उठाव पर है.

Wheat purchase stopped
अब गेहूं की खरीदी हुई बंद
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Published : Jun 26, 2020, 9:17 AM IST

भोपाल। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी अब बंद हो चुकी है. इस वर्ष 15 लाख 80 हजार किसानों से कुल 129 लाख 34 हजार टन गेहूं खरीदा गया है, जो देश भर में एक नया रिकॉर्ड बन गया है. इस खरीदी के लिए किसानों को 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान भी हो चुका है. सरकार का अब पूरा ध्यान गेहूं के केंद्रीय पूल में उठाव पर है. इसके लिए भारतीय खाद्य निगम से लगातार संवाद किया जा रहा है. जून में अब तक पौने तीन लाख टन गेहूं निगम ले जा चुका है. वहीं चना की खरीदी 29 जून 2020 तक जारी रहेगी.

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला ने जानकारी जारी करते हुए बताया है कि गेहूं खरीद का काम पूरा हो चुका है. ज्यादातर गेहूं का सुरक्षित भंडारण भी किया जा चुका है. अब पूरा ध्यान केंद्रीय पूल में गेहूं के उठाव पर लगाया जा रहा है. इस महीने रेलवे ट्रैक के माध्यम से पौने तीन लाख टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम ले चुका है.

पिछले माह भी ढाई लाख टन का उठाव हुआ था. जुलाई में निगम खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना लाएगा. इसके माध्यम से भी गेहूं का उठाव किया जा सकेगा. वहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जून का गेहूं बांटा जा रहा है. वहीं जुलाई और अगस्त का एक साथ गेहूं भी दिया जाएगा.

प्रदेश में हर माह करीब 3 लाख टन गेहूं और चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लगता है. वहीं कृषि विभाग चना, मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद अभी भी कर रहा है, जो आगामी 29 जून 2020 तक जारी रहेगी. अभी तक 7 लाख टन से ज्यादा चना खरीदा जा चुका है.

किसानों को 3 हजार 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया गया है. 1 लाख 30 हजार टन से ज्यादा के तिबड़ा मिश्रित चना भी खरीदा जा चुका है. तिबड़ा मिश्रित चना खरीदने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही दी गई है.

भोपाल। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी अब बंद हो चुकी है. इस वर्ष 15 लाख 80 हजार किसानों से कुल 129 लाख 34 हजार टन गेहूं खरीदा गया है, जो देश भर में एक नया रिकॉर्ड बन गया है. इस खरीदी के लिए किसानों को 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान भी हो चुका है. सरकार का अब पूरा ध्यान गेहूं के केंद्रीय पूल में उठाव पर है. इसके लिए भारतीय खाद्य निगम से लगातार संवाद किया जा रहा है. जून में अब तक पौने तीन लाख टन गेहूं निगम ले जा चुका है. वहीं चना की खरीदी 29 जून 2020 तक जारी रहेगी.

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला ने जानकारी जारी करते हुए बताया है कि गेहूं खरीद का काम पूरा हो चुका है. ज्यादातर गेहूं का सुरक्षित भंडारण भी किया जा चुका है. अब पूरा ध्यान केंद्रीय पूल में गेहूं के उठाव पर लगाया जा रहा है. इस महीने रेलवे ट्रैक के माध्यम से पौने तीन लाख टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम ले चुका है.

पिछले माह भी ढाई लाख टन का उठाव हुआ था. जुलाई में निगम खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना लाएगा. इसके माध्यम से भी गेहूं का उठाव किया जा सकेगा. वहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जून का गेहूं बांटा जा रहा है. वहीं जुलाई और अगस्त का एक साथ गेहूं भी दिया जाएगा.

प्रदेश में हर माह करीब 3 लाख टन गेहूं और चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लगता है. वहीं कृषि विभाग चना, मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद अभी भी कर रहा है, जो आगामी 29 जून 2020 तक जारी रहेगी. अभी तक 7 लाख टन से ज्यादा चना खरीदा जा चुका है.

किसानों को 3 हजार 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया गया है. 1 लाख 30 हजार टन से ज्यादा के तिबड़ा मिश्रित चना भी खरीदा जा चुका है. तिबड़ा मिश्रित चना खरीदने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही दी गई है.

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