भोपाल। कोरोना काल में अपनी अहम भूमिका अदा करने वाले वॉलेंटियर्स 15 अगस्त और 26 जनवरी को सम्मानित होंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण में प्रदेश के जन भागीदारी मॉडल ने देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. ग्राम, वार्ड, जनपद, शहरों और जिलों में जनता के साथ आने तथा क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों द्वारा जिम्मेदारी लेकर जनता कर्फ्यू में सहयोग करने के परिणाम स्वरूप ही प्रदेश में कोरोना नियंत्रित हो पाया है. 'मैं कोरोना वालेंटियर अभियान' भी इस पूरी मुहिम का सशक्त अंग रहा. कोरोना को नियंत्रित रखने और तीसरी लहर को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदेशवासियों को इस अभियान से जोड़ना होगा. मुख्यमंत्री चौहान ने एनसीसी, एनएसएस केडेट्स, युवाओं और किशोरों से कोरोना वालेंटियर बनने की अपील की.
1 लाख 19 हजार से अधिक हैं कोरोना वॉलेंटियर
मंत्रालय से "मैं कोरोना वॉलेंटियर" अभियान में पंजीकृत वॉलेंटियर्स और जनअभियान परिषद के कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री ने वर्चअली संबोधित किया. सीएम ने कहा कि "मैं कोरोना वॉलेंटियर" अभियान से अब तक 1 लाख 19 हजार 730 से अधिक व्यक्ति जुड़े हैं. इनमें से लगभग 61 हजार से अधिक वालेंटियर्स ने वैक्सीनेशन समन्वयक, चिकित्सा सुविधा समन्वयक, मास्क जागरूकता समन्वयक, मोहल्ला टोली संगठन समन्वयक और दान श्रेणी के अंतर्गत प्रतिदिन सक्रिय रहते हुए अपना योगदान दिया. मानवता की सेवा के लिए अपनी जान को खतरे में डालते हुए आगे आये वॉलेंटियर्स के समपर्ण और कर्मठता को देखकर मैं अभिभूत हूं. कोरोना वॉलेंटियर्स को 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा.
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वॉलेंटियर्स को अभी निभानी होगी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना नियंत्रण में अभी चुनौती खत्म नहीं हुई है. कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन के लिए लोगों को जागरूक करना और उसका पालन सुनिश्चित कराना बड़ा दायित्व है. यह कोरोना वॉलेंटियर्स के बिना संभव नहीं होगा. वॉलेंटियर्स को अपने गांव, वार्ड की जिम्मेदारी लेनी होगी. टेस्टिंग, कांट्रेक्ट ट्रेसिंग, किल कोरोना अभियान लगातार चलते रहेंगे. इन गतिविधियों से ही हम तीसरी लहर को रोक पायेंगे.