भोपाल। इस बार कोरोना बहुत तेजी से पैर पसार रहा है. पिछली दो लहरों के मुकाबले तीसरी लहर (corona third wave in mp) में कोरोना संक्रमण की दर ज्यादा हावी होती दिखाई दे रही है. मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में कोरोना के केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं इंदौर प्रदेश का हॉटस्पॉट बना हुआ है. तीसरी लहर में अब तक प्रदेश में तीन से चार लोगों की मौत भी हो गई है.
इस दर से बढ़ रहे कोरोना केस
आंकड़े बताते हैं कि पहली लहर में 250 केस होने में पूरे 175 दिन लगे थे. जबकि दूसरी लहर में 250 केस 30 दिन में हुए थे. इनके अनुपात में तीसरी लहर (corona third wave impact on mp) में महज 11 दिन में 250 केस हो जाना कोरोना की तेज गति की भयावहता दर्शा रहा है.
कब-कब पीक पर रहीं कोरोना की लहरें ?
मध्य प्रेदश में कोविड की पहली लहर में सितंबर 2020 में पीक (peak of corona third wave in mp) पर थी. दूसरी लहर अप्रैल 2021 में पीक पर मानी जाती है. वहीं जानकारों का मानना है कि 3 फरवरी से तीसरी लहर पीक पर होगी. ओमीक्रोन वेरिएंट इतनी तेजी से फैलता है कि अब तक के वेरिएंट इसके सामने टिकते ही नहीं. यह म्यूटेंट कोरोना के एक नया स्वरूप है.
एमपी की बढ़ी पॉजिटिविटी दर
मध्य प्रदेश में तीसरी लहर की इस अवधि में एक्टिव केस 8,599 पर (corona active cases in mp) पहुंच चुके हैं. सबसे बुरी बात यह है कि इनमें ऐसे बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है. वहीं पॉजिटिविटी दर 3.4% पर पहुंच गई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक पॉजिटिविटी दर 3% से ऊपर होना खतरे की घंटी माना जाता है. अब वही स्थिति प्रदेश में बनती जा रही है.
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कोरोना की रोकथाम को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, लेकिन लोगों की लापरवाही और कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं होने से लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.