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प्रदेश में घटी कोरोना टेस्टिंग, राजधानी में हुआ इजाफा

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Published : Nov 18, 2020, 4:19 PM IST

मध्य प्रदेश में कोरोना सैंपलिंग कम की जा रही है. इसके उलट राजधानी भोपाल में सैंपलिंग की संख्या में इजाफे के साथ कोरोना के नए मामलों में भी इजाफा देखने को मिला रहा है.

Corona testing decreased in Madhya Pradesh but increased in Bhopal
कोरोना अपडेट

भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर के महीने की शुरुआत होते ही कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार भी एक बार फिर तेज हो गई है. अक्टूबर महीने में जहां संक्रमण के मामलों में कमी देखने मिली थी, तो वहीं अब ठंड के बढ़ने के साथ ही संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है. दूसरी ओर अब सैंपलिंग कम की जा रही है. इसके उलट राजधानी भोपाल में सैंपलिंग की संख्या में इजाफा देखने को मिला है.

कोरोना अपडेट

अगर 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक की बात की जाए तो मध्यप्रदेश में सैंपलिंग कम की गई है. पहले रोजाना 25 हजार से लेकर 31 हजार तक सैंपलिंग की जा रही थी तो वहीं अब इसकी संख्या घटकर 17 हजार से 25 हजार के बीच हो गई है.

क्या कहते है आंकड़े

यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो आंकड़े साफ तौर पर प्रदेश में कम हुई सैंपलिंग की स्थिति को बयां करते हैं. 21 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक प्रदेश में कुल 304036 सैम्पल की जांच की गई, वहीं 1 नवम्बर से लेकर 10 नवम्बर तक 260354 सैम्पल जांचे गए. प्रदेश की टेस्टिंग कैपेसिटी करीब 54 हजार के आसपास होने के बावजूद भी महज 30%-35% सैंपल ही जांचें की जा रही हैं.

राजधानी में बढ़ी सैंपलिंग

एक ओर प्रदेश में सैंपलिंग की संख्या में गिरावट हुई है, तो दूसरी ओर राजधानी भोपाल में सैंपलिंग में इजाफा देखने को मिला है. 21 अक्टूबर से 1 नवंबर तक राजधानी भोपाल में 22768 सैम्पल जांचे गए, वहीं 1 नवंबर से लेकर 10 नवंबर तक 24386 सैंपल की जांच की गई है. सैंपलिंग बढ़ने के साथ ही राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामलों में भी तेजी देखने को मिली है.

सीएमएचओ का तर्क

इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि सैंपलिंग बढ़ने पर मामले ज्यादा आ रहे हैं. अभी डोर टू डोर सर्वे नहीं कर रहे हैं. फीवर क्लीनिक के जरिये सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है. जिन्हें भी जरूरत है वह शहर में संचालित हो रही 46 फीवर क्लिनिक्स में से अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक्स जाकर सैंपल दे सकते हैं.

ठंड में संक्रमण बढ़ने का है खतरा

अगर कोरोना वायरस के ट्रेंड को देखा जाए और विशेषज्ञों की मानें तो ठंड के चलते संक्रमण में तेजी आ सकती है. जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियां करने में जुटा है और जल्द ही नई गाइडलाइन भी जारी होगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर के महीने की शुरुआत होते ही कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार भी एक बार फिर तेज हो गई है. अक्टूबर महीने में जहां संक्रमण के मामलों में कमी देखने मिली थी, तो वहीं अब ठंड के बढ़ने के साथ ही संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है. दूसरी ओर अब सैंपलिंग कम की जा रही है. इसके उलट राजधानी भोपाल में सैंपलिंग की संख्या में इजाफा देखने को मिला है.

कोरोना अपडेट

अगर 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक की बात की जाए तो मध्यप्रदेश में सैंपलिंग कम की गई है. पहले रोजाना 25 हजार से लेकर 31 हजार तक सैंपलिंग की जा रही थी तो वहीं अब इसकी संख्या घटकर 17 हजार से 25 हजार के बीच हो गई है.

क्या कहते है आंकड़े

यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो आंकड़े साफ तौर पर प्रदेश में कम हुई सैंपलिंग की स्थिति को बयां करते हैं. 21 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक प्रदेश में कुल 304036 सैम्पल की जांच की गई, वहीं 1 नवम्बर से लेकर 10 नवम्बर तक 260354 सैम्पल जांचे गए. प्रदेश की टेस्टिंग कैपेसिटी करीब 54 हजार के आसपास होने के बावजूद भी महज 30%-35% सैंपल ही जांचें की जा रही हैं.

राजधानी में बढ़ी सैंपलिंग

एक ओर प्रदेश में सैंपलिंग की संख्या में गिरावट हुई है, तो दूसरी ओर राजधानी भोपाल में सैंपलिंग में इजाफा देखने को मिला है. 21 अक्टूबर से 1 नवंबर तक राजधानी भोपाल में 22768 सैम्पल जांचे गए, वहीं 1 नवंबर से लेकर 10 नवंबर तक 24386 सैंपल की जांच की गई है. सैंपलिंग बढ़ने के साथ ही राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामलों में भी तेजी देखने को मिली है.

सीएमएचओ का तर्क

इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि सैंपलिंग बढ़ने पर मामले ज्यादा आ रहे हैं. अभी डोर टू डोर सर्वे नहीं कर रहे हैं. फीवर क्लीनिक के जरिये सैंपल कलेक्शन का काम किया जा रहा है. जिन्हें भी जरूरत है वह शहर में संचालित हो रही 46 फीवर क्लिनिक्स में से अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक्स जाकर सैंपल दे सकते हैं.

ठंड में संक्रमण बढ़ने का है खतरा

अगर कोरोना वायरस के ट्रेंड को देखा जाए और विशेषज्ञों की मानें तो ठंड के चलते संक्रमण में तेजी आ सकती है. जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियां करने में जुटा है और जल्द ही नई गाइडलाइन भी जारी होगी.

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