भोपाल। राजधानी भोपाल कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया है. रोजाना यहां संक्रमण के केसों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आंकड़ों की बात करें तो अब तक 346 केस संक्रमण के सामने आ चुके हैं. जिनमें से आठ मरीजों की मृत्यु गई है. वहीं 78 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए हैं. यदि हम आंकड़ों पर नजर डाले तो भोपाल में एक भी ऐसा आयु वर्ग नहीं हैं जो कोरोना वायरस के चपेट में न आया हो. शहर में नौ दिन की बच्ची से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक को कोरोना वायरस ने संक्रमित किया है. पर एक आयु वर्ग ऐसा भी है जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.
कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो यह बात सामने आती है कि कोरोना वायरस ने 19 साल से लेकर 40 साल तक के व्यक्तियों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया है. करीब 53% संक्रमित मरीज इसी आयु वर्ग से हैं. जिनकी संख्या 190 के आसपास है. इसके अलावा 41 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक के संक्रमित मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक करीब 23% संक्रमित मरीज इस आयु वर्ग के हैं. जिनकी संख्या करीब 82 के आसपास है. इन दो आयु वर्गों के अलावा 56 साल से ऊपर के संक्रमित मरीजों की संख्या 51 के आसपास है जो कि करीब 14% है. वहीं शहर में करीब 37 ऐसे संक्रमित मरीज है जिनकी उम्र 18 साल या उससे भी कम है जो कि 10% है.
हालांकि जिन 2 आयु वर्गों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. उनमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स शामिल है. यह ऐसा वर्ग है जो कार्यरत है और यही वजह है कि इस उम्र के व्यक्ति सबसे ज्यादा कोरोना की चपेट में आए हैं. इसके साथ ही राहत देने वाली बात यह भी है कि इसी उम्र के सबसे ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं. ठीक होने वाले मरीजों में 48 वह मरीज हैं जिनकी उम्र 19 से 40 साल तक है वहीं 20 मरीज वह हैं. जिनकी उम्र 41 से 55 साल के बीच में हैं. पर अब भी इन्हीं 2 आयु वर्ग के व्यक्तियों में संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है.