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संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में शामिल करने की मांग

भोपाल में काला मास्क, काली पट्टी और काला चश्मा पहन कर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार का विरोध करते हुए आज का दिन काला दिवस के रूप में मनाया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में खुद को शामिल करने की मांग भी की. पढ़िए पूरी खबर...

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संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मनाया काला दिवस
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Published : Jun 5, 2020, 3:27 PM IST

भोपाल। एक ओर जहां पूरे देश में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर के तौर पर सम्मानित किया जा रहा है, उनके काम को सराहा जा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस बात की शिकायत है कि उनके काम को नजरअंदाज किया जा रहा है और उनकी मांगों को माना नहीं जा रहा है. जिसके विरोध में पूरे प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया.

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मनाया काला दिवस
इस विरोध प्रदर्शन के बारे में बताते हुए मध्य प्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के करीब 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी इस वक्त कोविड-19 की ड्यूटी में लगे हुए हैं, लेकिन हम सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए दुख की बात ये है कि 5 जून 2018 को प्रदेश में जारी हुई सामान्य प्रशासन की संविदा नीति के दो साल होने के बाद भी आज तक उसे लागू नहीं किया गया है. साथ ही 90 प्रतिशत को वेतनमान भी नहीं दिया गया है. न ही नियमित कर्मचारियों की तरह कोई सुविधाएं दी गई हैं. इस महामारी काल में इस तरह का भेदभाव तमाम संविदा कर्मचारियों के मनोबल को कम करने जैसा है.

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प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है. सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर इस समय अपना फर्ज निभा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें अपने परिवार की भी चिंता है. अगर इस बीच में वे संक्रमित हो जाएं तो उन पर आश्रित परिवारों का क्या होगा. संविदा स्वास्थ्य कर्मिोयों ने कहा कि हमारी बस यही मांग है कि सरकार हमें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन भत्ते और सुविधाएं दें. इसके अलावा हो सके तो सभी योग्य संविदा कर्मचारियों को नियमित करे.

ये भी पढ़ें- गृह मंत्री के घर पहुंचे शिवराज, कांग्रेस ने कसा तंज कहा- 'सुपर सीएम से मिलने पहुंचे सीएम'

इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भर के तमाम संविदा डॉक्टर, नर्स, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन और प्रबंधन इकाइयां, ऑपरेटर, आयुष, टीबी परियोजना के सभी कर्मचारी शामिल हैं और अपने कार्यस्थल पर काला मास्क, काली पट्टी और काला चश्मा पहन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

भोपाल। एक ओर जहां पूरे देश में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर के तौर पर सम्मानित किया जा रहा है, उनके काम को सराहा जा रहा है. तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस बात की शिकायत है कि उनके काम को नजरअंदाज किया जा रहा है और उनकी मांगों को माना नहीं जा रहा है. जिसके विरोध में पूरे प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया.

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मनाया काला दिवस
इस विरोध प्रदर्शन के बारे में बताते हुए मध्य प्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के करीब 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी इस वक्त कोविड-19 की ड्यूटी में लगे हुए हैं, लेकिन हम सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए दुख की बात ये है कि 5 जून 2018 को प्रदेश में जारी हुई सामान्य प्रशासन की संविदा नीति के दो साल होने के बाद भी आज तक उसे लागू नहीं किया गया है. साथ ही 90 प्रतिशत को वेतनमान भी नहीं दिया गया है. न ही नियमित कर्मचारियों की तरह कोई सुविधाएं दी गई हैं. इस महामारी काल में इस तरह का भेदभाव तमाम संविदा कर्मचारियों के मनोबल को कम करने जैसा है.

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प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है. सभी संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर इस समय अपना फर्ज निभा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें अपने परिवार की भी चिंता है. अगर इस बीच में वे संक्रमित हो जाएं तो उन पर आश्रित परिवारों का क्या होगा. संविदा स्वास्थ्य कर्मिोयों ने कहा कि हमारी बस यही मांग है कि सरकार हमें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन भत्ते और सुविधाएं दें. इसके अलावा हो सके तो सभी योग्य संविदा कर्मचारियों को नियमित करे.

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इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भर के तमाम संविदा डॉक्टर, नर्स, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन और प्रबंधन इकाइयां, ऑपरेटर, आयुष, टीबी परियोजना के सभी कर्मचारी शामिल हैं और अपने कार्यस्थल पर काला मास्क, काली पट्टी और काला चश्मा पहन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

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