छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी के भीषण काल के दौरान एनएचएम में अस्थाई रूप से स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की गई थी और इन्होंने काम भी दिन-रात किया, लेकिन अब इन कर्मचारी को हटा दिया गया है. इसके बाद कर्मचारियों ने पीपीई किट पहनकर भीख मांगकर विरोध जताया.
कोरोना योद्धाओं को कर दिया बेरोजगार
छिंदवाड़ा में कलेक्टर कार्यालय में भरी गर्मी में पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन करने आए स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि कोरोना की जब भीषण महामारी थी तो उन्होंने दिन-रात काम किया. उन्हें सरकार ने कोरोना योद्धा का दर्जा देते हुए सम्मान भी किया, लेकिन अब नौकरी से निकाल कर बेरोजगार कर दिया है. इसकी वजह से उनके परिवार में आर्थिक संकट आ गया है. आर्थिक संकट से हुए बेहाल स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए कहा है कि जैसा उन्हें अस्थाई तौर पर रखा गया था. बस भी वैसी ही नौकरी चाहते हैं, क्योंकि उनके परिवार में नौकरी से निकाले जाने के बाद आर्थिक संकट आ गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि जैसे उन्हें पहले नियुक्ति दी गई थी, उसी प्रकार उनकी सेवाएं शुरू कराई जाएं.
कोविड स्टाफ का अनोखा प्रदर्शनः पीपीई किट पहनकर चौराहों पर मांगी भीख, कहा- हमें वापस बहाल करे सरकार
पीपीई किट पहनकर और राहगीरों को रोककर आपबीती सुनाई : निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि दो साल से हम सभी कोरोना की लहरों में काम कर रहे थे, लेकिन 2 मार्च को इसी साल इन्हें इनके काम से हटा दिया गया. ऐसे में कोरोना की बात कहने वाली सरकार इन्हें वापस काम क्यों नहीं देती. इनका कहना है कि सरकार हमारी बातें सुन नहीं रही है. आश्वासन पर आश्वासन के बाद भी कोई आदेश नहीं निकाला जा रहा. सरकार ने 2 मार्च 2022 को इन सभी कोविड-19 को अपने कार्य से हटा दिया है, जिसके चलते उनका कहना है कि इन्हें वापस नियमित करते हुए संविदा किया नियमित किया जाए.