भोपाल। राजगढ़ में कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर की दंबगई के बाद बीजेपी और नौकरशाही के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, इस बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर नौकरशाही की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. उनका दावा है कि हनीट्रैप मामले में प्रदेश के करीब 8 अफसरों के वीडियो उनके नजदीकी लोगों के पास है, लेकिन प्रदेश की फजीहत न हो, इसलिए उन्हें सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं.
भार्गव के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि गोपाल भार्गव इन दिनों हताशा के दौर से गुजर रहे हैं, बीजेपी की प्रचार-प्रतिस्पर्धा के चलते वे स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं. उनसे आग्रह है कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो सार्वजनिक करें या जांच एजेंसी को दें. इस तरह के बयान देकर प्रदेश को को बदनाम न करें. भार्गव ने फेसबुक पर एक भारी-भरकम पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने नौकरशाही और कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा था.
फेसबुक पोस्ट पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि लगता है बीजेपी के नेता इस समय भयंकर हताशा और निराशा के दौर से गुजर रहे हैं. खासकर गोपाल भार्गव जैसे राजनेता क्योंकि उनके राजनीतिक कद पर शिवराज सिंह और राकेश सिंह जैसे लोग छाया बनकर बैठे हैं. उन्हें स्वतंत्रतापूर्वक काम नहीं करने देना चाह रहे हैं. इस समय बीजेपी नेताओं में प्रचार-प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन मीडिया में ज्यादा सुर्खियां बटोरता है तो शायद भार्गव ने हनीट्रैप के बहाने कोशिश और कुत्सित प्रयास किया कि किसी प्रकार मीडिया की सुर्खियां मिल सके.
प्रवक्ता ने कहा कि अगर उनके पास किसी के नाम है. जैसा उन्होंने कहा है कि 8 अधिकारियों के वीडियो उनके पास है तो सार्वजनिक करें. अगर सार्वजनिक करने का साहस नहीं है तो जांच एजेंसी को सौंप दें. उनके पास अगर कुछ है और वे संबंधित जांच एजेंसी को नहीं दे रहे हैं तो ये भी कानूनन अपराध है. नेता प्रतिपक्ष राजनीतिक अपराध के साथ-साथ कानूनन अपराध नहीं करेंगे. उनसे आग्रह करता हूं कि दम है तो चीजें सामने लाइए और जांच एजेंसी को दीजिए. इस तरह की घटिया बयानबाजी कर प्रदेश का नाम बदनाम मत करिए.