भोपाल। विधानसभा में हुए मत विभाजन में बीजेपी के दो विधायक कांग्रेस के साथ खड़े हो गए. हालांकि तकनीकी पहलुओं के चलते बीजेपी अब भी विधायकों को अपना बता रही है. राज्य नेतृत्व की कोशिशों के नाकाम होने के बाद अब केंद्रीय नेतृत्व विधायकों को मनाने की कोशिश में जुट गया है. इन हालातों को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार बीजेपी में अंतर्कलह और गुटबाजी के आरोप लगा रही है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के नेता एक दूसरे को निपटाने में लगे हैं. इसलिए राष्ट्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस अब वेट एंड वॉच की कंडीशन में है. इन परिस्थितियों में बीजेपी कोशिश कर रही है कि कैसे भी उसके दोनों विधायक कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में वापस आ जाएं. इसके लिए बीजेपी विधानसभा के नियमों को ध्यान में रखते हुए अभी भी विधायकों को मनाने में जुटी है. लेकिन मध्यप्रदेश का भाजपा नेतृत्व अब इन विधायकों को मनाने में नाकाम नजर आ रहा है.
बीजेपी की इन परिस्थितियों को देखते हुए कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा का कहना है कि निश्चित रूप से कहीं न कहीं इन परिस्थितियों को लेकर मध्यप्रदेश बीजेपी का नेतृत्व दोषी है. आपस में गुटबाजी, अंतर्कलह और प्रतिस्पर्धा है. जिसके कारण एक दूसरे को निपटाने का काम चल रहा है. यदि भाजपा के नेताओं में समन्वय होता तो ये बात सामने नहीं आती कि बागी विधायकों से बात करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय नेतृत्व संभालेंगा. इससे समझा जा सकता है कि मप्र में नेतृत्व कमजोर है.