भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस का सत्याग्रह आंदोलन लगातार जारी है. कांग्रेस अब हर विधानसभा क्षेत्र में इस सत्याग्रह को कर रही है. इसी कड़ी में भोपाल के गोविंदपुरा क्षेत्र में सत्याग्रह किया गया. जिसमें जिले के पदाधिकारियों ने केंद्र की बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया.पिपलानी पैट्रोल पंप भेल गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस ने सत्याग्रह किया. जिला कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने के विरोध में सत्याग्रह का ये कार्यक्रम हुआ.
केंद्र सरकार पर बरसे कांग्रेसी: इस कार्यक्रम में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के हिटलर शाही के खिलाफ गरजते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के दिए हुए संविधान में हर किसी को सही की आवाज उठाने की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन बीजेपी सरकार में केवल कॉरपोरेट जगत के हिसाब से सारे निर्णय लिए जा रहे हैं. रोजगार, महंगाई, रेल से लेकर अस्पताल, स्कूल, कॉलेज को निजीकरण की ओर ले जाया जा रहा है. केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है. भोपाल जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, जेपी धनोपिया ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
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हर मोर्चे पर बीजेपी को घेरने की तैयारी में कांग्रेस: जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रकाश चौकसे ने कहा कि जब से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है. तब से ही बीजेपी डरी और सहम सी हो गई है. जनता के अपार समर्थन के कारण भारत जोड़ो यात्रा सफल हुई और राहुल गांधी की एक नई छवि,गंभीर और परिपक्व नेता के रूप में उभर कर सामने आई. जिसके चलते बीजेपी कुछ ना कुछ तरीके से उनको परेशान करने और घेरने की कोशिश करती रही. जब इस कोशिश में वो नाकाम रहे, तो संसद से उनकी सदस्यता बीजेपी के इशारों पर समाप्त करवा दी गई. बीजेपी और मोदी भूल रहे हैं कि राहुल गांधी के साथ जनता है और जनता की अदालत सबसे बड़ी होती है. इसलिए हम सभी अब जनता की अदालत में बैठे हैं और राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं. बता दें कि राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त होने के बाद ही देशभर में उनके समर्थन में धरना प्रदर्शन और मोदी सरकार के विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी को लेकर कांग्रेस हर मोर्चे पर बीजेपी को घेर रही है. लगातार इसे सत्याग्रह का रूप दिया जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि जनता सब कुछ जानती है. अब इसका परिणाम मध्य प्रदेश की सरकार को इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव और मोदी सरकार को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.