भोपाल। कोरोना के चलते प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. उधर कांग्रेस ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि ऑक्सीजन के मामले में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर होता तो यह हालात नहीं बनते. होशंगाबाद के बाबई में बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट भी सरकार का जुमला बनकर रह गया है. यदि यह समय पर बनकर तैयार हो जाता, तो प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती.
प्रदेश में लगातार बढ़ रही ऑक्सीजन की जरूरत
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. कोराना के पहले फेज में सिर्फ 20 फीसदी मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी. कोरोना के शुरूआत में प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सिर्फ 50 टन थी, जो अब बढ़कर 280 मेट्रिक टन हो गई है. सरकार की कोशिश इसे 500 मेट्रिक टन करने की है. अभी 80 मेट्रिक टन ऑक्सीजन सिर्फ गुजरात से आ रही है. भिलाई स्टील प्लांट से 187 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही है.
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बावई में बनाया जाना ऑक्सीजन प्लांट
एमपी में कोरोना संक्रमण के बाद पिछले 8 माह पहले प्रदेश सरकार ने होशंगाबाद के बाबई में ऑक्सीजन प्लांट लागने का ऐलान किया था. इसके लिए बाबई के मोहासा में आइनाॅक्स कंपनी के प्लांट को स्वीकृति दी गई थी. यहां मेडिकल ऑक्सीजन 150 मीट्रिक टन, नाइट्रोजन गैस 54 मीट्रिक टन और ऑर्गन गैस 6 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादन होना था, तब दावा किया गया था कि अगले छह माह में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा. अब इसको लेकर कांग्रेस सवाल कर रही है, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पूछा है कि आखिर ऑक्सीजन के मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर क्यों नहीं हेा सका.