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आदिवासी इलाकों की खदाने निजी कंपनियों को देने पर कांग्रेस विधायक ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को देने पर एतराज जताया है. डॉ हीरालाल अलावा ने ट्वीट कर अपना विरोध दर्ज करवाया.

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Published : Aug 12, 2019, 7:49 PM IST

कांग्रेस विधायक ने ट्वीट कर विरोध दर्ज करवाया

भोपाल। जयस आदिवासी संगठन के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को देने पर एतराज जताया है. उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है. उनके ट्वीट पर कांग्रेस ने कहा कि वनाधिकार कानून कांग्रेस लाई थी और उसका पालन जरूर होगा.

कांग्रेस विधायक ने ट्वीट कर विरोध दर्ज करवाया

डॉ हीरालाल अलावा ने ट्वीट कर अपना विरोध दर्ज करवाया. उन्होंने लिखा है कि 'आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है. यह बात सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय में कह चुकी है. ऐसे आदिवासी इलाकों में निजी कंपनियों को खदानें देना उचित नहीं है.'

tweet of dr. hiralaal alaawa
डॉ हीरालाल अलावा का ट्वीट

अलावा के ट्वीट के बाद प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह तो कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा बनाया गया वन अधिकार कानून कहता है, उसका पालन होगा. कहीं पर कोई पुरानी सरकार की गलतियां और त्रुटियां हैं, तो उनको सुधारा जाएगा. हमारी सरकार इसके लिए कटिबद्ध है. पिछली सरकारें बहुत से परिवर्तन करके गई थी उनका परीक्षण चल रहा है और उनमें सुधार किया जाएगा.

भोपाल। जयस आदिवासी संगठन के नेता और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को देने पर एतराज जताया है. उन्होंने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है. उनके ट्वीट पर कांग्रेस ने कहा कि वनाधिकार कानून कांग्रेस लाई थी और उसका पालन जरूर होगा.

कांग्रेस विधायक ने ट्वीट कर विरोध दर्ज करवाया

डॉ हीरालाल अलावा ने ट्वीट कर अपना विरोध दर्ज करवाया. उन्होंने लिखा है कि 'आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है. यह बात सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय में कह चुकी है. ऐसे आदिवासी इलाकों में निजी कंपनियों को खदानें देना उचित नहीं है.'

tweet of dr. hiralaal alaawa
डॉ हीरालाल अलावा का ट्वीट

अलावा के ट्वीट के बाद प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह तो कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा बनाया गया वन अधिकार कानून कहता है, उसका पालन होगा. कहीं पर कोई पुरानी सरकार की गलतियां और त्रुटियां हैं, तो उनको सुधारा जाएगा. हमारी सरकार इसके लिए कटिबद्ध है. पिछली सरकारें बहुत से परिवर्तन करके गई थी उनका परीक्षण चल रहा है और उनमें सुधार किया जाएगा.

Intro:भोपाल। जयस आदिवासी संगठन के नेता और कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बने डॉ हीरालाल अलावा आदिवासी इलाकों की खदानें निजी कंपनियों को देने पर एतराज जताया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है। उनका यह बयान सरकार के फैसले के विपरीत माना जा रहा है और उनके ट्वीट पर कांग्रेस ने कहा है कि वनाधिकार कानून कांग्रेस लाई थी और उसका अक्षरशः पालन होगा। अगर म प्र में पिछली सरकारों ने कुछ परिवर्तन किए हैं, तो उनका परीक्षण कर उन्हें आदिवासियों के हक में बदला जाएगा।


Body:दरअसल जय आदिवासी युवा संगठन जयस की नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने ट्वीट किया था कि....

आदिवासी क्षेत्रों में संसाधनों पर पहला हक आदिवासियों का है यह बात सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय में कह चुकी है ऐसे आदिवासी इलाकों में निजी कंपनियों को खदानें देना उचित नहीं है....

डॉ हीरालाल अलावा के ट्वीट के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह तो हमारी कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा बनाया गया वन अधिकार कानून कहता है,उसका अक्षरशः पालन होगा। कहीं पर कोई पुरानी सरकार की गलतियां और त्रुटियां है, तो उनको सुधारा जाएगा। हमारी सरकार इसके लिए कटिबद्ध है, पिछली सरकारें बहुत से परिवर्तन करके गई थी, उनका परीक्षण चल रहा है और उनमें सुधार किया जाएगा।


Conclusion:बाइट - भूपेन्द्र गुप्ता - उपाध्यक्ष मीडिया विभाग मप्र कांग्रेस।
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