भोपाल। प्रदेशभर में सरकार के मंत्री कोरोना प्रोटोकॉल को धता बताते हुए राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, यहीं कारण है कि सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता और खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री अरविंद भदौरिया जैसे दिग्गज खुद कोरोना की चपेट में आ गए. तब जाकर सरकार की नींद खुली और निर्देश दिए गए कि 1 से 14 अगस्त तक किसी भी तरह के सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजन नहीं किए जाएंगे. सरकार के रवैए को लेकर विपक्ष का कहना है कि एक तरफ सरकार कोरोना को लेकर दिशा निर्देश जारी करती है और दूसरी तरफ उन्हीं के लोग उसे हवा में उड़ा देते हैं.
कुणाल चौधरी ने कहा कि अरविंद भदौरिया कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर ही उन्होंने मांग की थी कि पूरा मंत्रिमंडल 10 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन होना चाहिए, यह लोग कोरोना के कैरियर के रूप में काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भी कोरोना पाजिटिव हो गए, यह दुर्भाग्य की बात है, हम चाहते हैं कि वह जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो, लेकिन कहीं ना कहीं यह सब कोरोना कैरियर के रूप में काम कर रहे हैं.
मप्र युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि गृहमंत्री ऐसी बात क्यों करते हैं, जिस बात को उनके मंत्री सुनते ही नहीं है. कुणाल चौधरी ने कहा कि एक अखबार में नीचे खबर छपती है कि सरकार के कोई भी मंत्री किसी भी तरह की सभा या राजनीतिक आयोजन नहीं करेंगे, उसी अखबार में ऊपर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की 5000 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए तस्वीर छपती है. इस तरह से सरकार का रवैया कैसे सही हो सकता है.