बेंगलुरू। मध्यप्रदेश की सियासत में हर दिन नए रंग देखने मिल रहे हैं, बेंगलुरू में ठहरे बागी विधायकों को मनाने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है, विधायकों से संपर्क नहीं होने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सहित कई कांग्रेसी बेंगलुरू पहुंच गए, लेकिन रमाडा होटल से पांच किलोमीटर पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया, उनके साथ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, कांतिलाल भूरिया, कुनाल चौधरी, तरुण भनोत, आरिफ मसूद, हर्ष यादव के अलावा कई अन्य नेता भी मौजूद हैं, जो विधायकों से मिलने की जिद पर अड़े हैं, लेकिन पुलिस के रोकने पर कांग्रेसी वहीं धरने पर बैठ गए हैं. काफी बहस के बाद पुलिस ने 13 कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में ले लिया है.
दिग्विजय सिंह के साथ धरने पर बैठ कई कांग्रेस नेता हिरासत में लिए गए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि विधायकों से गुप्त रूप से नहीं खुलेआम मिलूंगा. दिग्विजय सिंह ने बेंगलुरु पहुंचने के बाद ट्वीट कर कहा है मैं बेंगलुरु में अपने विधायकों से मिलने आया हूं. कर्नाटक पुलिस हमें मिलने नहीं दे रही है. मैं गांधीवादी हूं, निहत्था हूं. उनकी सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हूं. मैं गुप्त रूप से नहीं, खुलेआम मिलने आया हूं, लेकिन बीजेपी उन्हें तालाबंद रखना चाहती है और लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है.
उन्होंने कहा कि विधायक निजी नागरिक नहीं हैं. वो लाखों जनता और वोटरों के प्रतिनिधि हैं. विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि, वे स्पीकर को मिलें, या सदन पटल पर बोलें. पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों से कहें. अन्य कोई भी तरीका लोकतंत्र का अपहरण है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बेंगलुरु में तो बीजेपी की सरकार है, यहां की पुलिस बीजेपी सरकार के अधीन है.मैं यहां गांधीवादी तरीके से अपने विधायकों से मिलने आया हूं. मुझे तो बीजेपी के राज में भी, उनके पुलिस के बीच में भी डर नहीं लग रहा है. लेकिन बीजेपी नेता कह रहे हैं, कि विधायकों को डर है, किससे डर है. खुद बीजेपी से डर है.
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बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमारे जो विधायक यहाँ हैं, उनकी privacy के चलते हम उनसे नहीं मिल सकते हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उनपर नज़र रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण है!
हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या BJP से सीखें।
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निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उनपर नज़र रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण है!
हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या BJP से सीखें।बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमारे जो विधायक यहाँ हैं, उनकी privacy के चलते हम उनसे नहीं मिल सकते हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2020
निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उनपर नज़र रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण है!
हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या BJP से सीखें।
वहीं बेंगलुरु में दिग्विजय सिंह के साथ मौजूद विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि इस तरह की हरकत से पीएम मोदी ने देश में एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है. किस तरह से पहले विधायकों को खरीद-फरोख्त करो, उनका अपहरण करो, फिर सरकार गिरकार बहुमत की बात करो. यह किस तरह का नियम है कि हमारे विधायकों को हमसे मिलने नहीं दिया जा रहा है.
हिरासत में लिए जाने के बाद से ही कांग्रेसी नेता बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं, डीके शिव कुमार ने कहा कि बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है.