भोपाल। शहडोल जिला अस्पताल में लगातार दो दिन में 6 नवजात की मौत होने पर कांग्रेस ने गंभीर चिंता जताई है. इसके अलावा सागर के कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत पर मुख्यमंत्री की स्वीकारोक्ति को लेकर भी कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज ने माना है कि सागर के कोरोना संक्रमित डॉक्टर के इलाज में ऑक्सीजन के कम उपयोग होने के कारण उनकी मौत हुई है. इन परिस्थितियों को देखकर साफ होता है कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं अराजक हो गई हैं. कांग्रेस का कहना है कि शहडोल में हुई घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए. कांग्रेस ने शहडोल के मुख्य जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को तुरंत निलंबित करने और दूसरे लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग भी की है.
आदिवासी नवजात मौत का शिकार हो रहे हैं, स्थानीय मंत्री जीत के जश्न मना रहे
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह अत्यंत शर्मनाक है कि शहडोल जिला अस्पताल में आदिवासी नवजात मौत का शिकार हो रहे हैं. और स्थानीय मंत्री अपनी जीत का जश्न मनाने में जुटे हुए हैं. आदिवासियों की चिंता करने वाला अब इस प्रदेश में कोई नहीं है. उन्होंने जनता से आह्वान किया है कि जिन सेवाओं के लिए वह अपना पेट काटकर टैक्स अदा करती हैं, उन सेवाओं की दरिद्रता पर वह आपत्ति उठाएं. नहीं तो सिर्फ चुनावी जीत के नशे में लगी हुई सरकारें जन सेवाओं को अधिकारियों के भरोसे छोड़ कर सोती रहेंगी.
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की जाए कार्रवाई
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि शहडोल के मुख्य जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को तुरंत निलंबित करना चाहिए. इसके साथ ही अस्पताल के सभी लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.
शहडोल में पहले भी हुई बच्चों की मौतें
भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार को याद दिलाया है कि शहडोल में पहले भी 6 बच्चों की मौत की घटनाएं घट चुकी हैं, जिसमें आदिवासी क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य की भयावहता सामने आई थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से आह्वान किया है कि जब वे स्वीकार कर रहे हैं कि सागर में ऑक्सीजन के कम प्रयोग से मौतें हुई हैं, तो तुरंत जिम्मेदार पर कार्रवाई करना चाहिए.
सीएम ने स्वीकारा ऑक्सीजन का कम उपयोग
एमपी कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह ने ये स्वीकार लिया है कि सागर में कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन का कम उपयोग होने के डॉक्टर की मौत हुई है. इससे जाहिर होता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी बदहाल हैं. बता दें कुछ दिनों पहले सागर मेडिकल कॉलेज के एक जूनियर डॉक्टर कोरोना वार्ड में सेवाएं देते हुए कोरोना संक्रमित हो गए थे. उनके साथियों ने उनके इलाज के लिए गुहार लगाई थी. जिसके बाद CM शिवराज सिंह चौहान ने उनके इलाज के लिए पूरी तरह से मदद करने की बात कही थी. लेकिन इलाज के पहले ही कोरोना योद्धा जिंदगी की जंग हार गए.
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स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हो सोशल ऑडिट
कांग्रेस ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का सोशल ऑडिट किया जाए. ये डॉक्टर्स की पूर्ति के लिए विश्व में विश्वसनीय है और व्यवहारिक नीति बनाई जाए. जन स्वास्थ्य कर्मियों को आउट सोर्स के आधार पर नियुक्तियां दी गई हैं. उन्हें समय पर वेतन दिया जाए.