भोपाल। प्रदेश में इन दिनों राजधानी भोपाल के ऐतिहासिक और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के नाम बदलने की मांग का सिलसिला चल रहा है. जब से भाजपा सरकार में आई है, तब से इस तरह की मांगे ज्यादा जोर पकड़ रही है. ताजा मामला भोपाल के हबीबगंज स्टेशन और हमीदिया अस्पताल का नाम बदले जाने की मांग को लेकर सामने आया है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री हमीदिया अस्पताल का नाम भोजपाल अस्पताल करने की मांग कर रहे हैं, तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रभात झा हबीबगंज स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग कर रहे हैं. बीजेपी की इन मांगों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि नाम बदलकर खबरों में रहना चाहते हैं,आज अटल बिहारी वाजपेयी भी होते तो इस तरह की हरकत से ना खुश होते.
प्रोटेम स्पीकर ने उठाई थी ईदगाह हिल्स का नाम बदलने की मांग
मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पिछले दिनों भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम गुरु नानक टेकरी करने की मांग की थी. उनका दावा था कि जब गुरु नानक भोपाल से गुजरे थे, तो ईदगाह हिल्स पर उन्होंने विश्राम किया था. इसके लिए बाकायदा प्रोटेम स्पीकर जन अभियान भी चला रहे हैं.
बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने उठाई हमीदिया अस्पताल का नाम बदले जाने की मांग
इसी तर्ज पर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने भोपाल की हमीदिया अस्पताल का नाम भोज पाल अस्पताल करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने बाकायदा मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है.
प्रभात झा ने उठाई हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी के नाम पर करने की मांग
इसी तरह प्रभात झा ने भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है. उन्होंने हबीबगंज स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने की मांग की है.
जनता की मांग पर बदले जाते हैं नाम
प्रदेश की बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा कहती हैं कि जनता की मांग उठती है कि जो हमारी पुरानी संस्कृति है,जिसके लिए मध्यप्रदेश जाना जाता है. उस हिसाब से नाम बदलने की मांग आती है. पूर्व में भी इस तरह के कदम उठाए गए हैं. आगे भी आवश्यकता पड़ी तो जनता की मांग के अनुसार जनप्रतिनिधि बैठकर फैसला लेंगे. मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे,सहमति बनती है, तो निश्चित ही ऐसा होगा.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि इनके पास कोई काम नहीं बचा है. कुछ करते हैं नहीं, विकास के काम को नहीं रहे हैं, नाम बदलकर खबरों में बने रहने की कोशिश करते हैं. आज अटल बिहारी वाजपेयी होते, तो वह खुद कह देते कि इस तरह के काम मत करो. मेरा नाम लेकर जगहों,शहरों या स्टेशन के नाम मत बदलो,यह खुद अटल बिहारी बाजपेयी कहते. उनको इस तरह के कामों से आपत्ति रहती थी. वह कहते हैं कि लोगों को रोजगार दो,महंगाई कम करो, किसान आत्महत्या ना करें ऐसे काम करो.