भोपाल। कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी की कोरोना से मौत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और मप्र कांग्रेस अध्यक्ष से कमलनाथ ने उनके इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. कमलनाथ ने कहा था कि जब वह भोपाल में भर्ती थे, तब तक उनके इलाज में लापरवाही बरती गयी. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली भेजा गया, लेकिन यहां हुई लापरवाही के कारण उनको बचाया नहीं जा सका. कमलनाथ के बयान के बाद पूरी कांग्रेस मध्य प्रदेश में कोरोना से हो रही मौतों के मामले में डेथ ऑडिट की किए जाने की मांग पर अड़ गई है.
कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सार्वजनिक किए गए तथ्य को चिंतनीय बताया. उन्होंने कहा कि इस घटना से चिरायु अस्पताल में कोरोना मरीजों के चल रहे ट्रीटमेंट पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि यह एक गंभीर घटना है. अगर कमलनाथ जैसे राष्ट्रीय नेता को डॉक्टर ने वस्तुस्थिति बताई है, तो सरकार इसकी जांच कराएं. एक जनप्रतिनिधि की मौत इलाज के लापरवाही के कारण होती है, तो सामान्य जनों के साथ क्या हो रहा होगा. इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार को इलाज के दौरान की जा रही गलफतों पर संदेह समाप्त करने के लिए निजी मेडिकल कॉलेज में कोरोना से हुई मौतों का डेथ ऑडिट कराया जाना जरूरी है. ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके. सरकार इस जांच में विशेषज्ञों को शामिल कर आशंकाओं को निर्मूल सिद्ध करें. सरकार यह भी सार्वजनिक करे कि इन अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ चिकित्सकों की उपलब्धता मरीजों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त है. सरकार यह भी सार्वजनिक करे कि निजी चिकित्सालयों को कोरोना काल में कितने करोड़ों रुपयों का भुगतान किया गया है.
बता दें कि मेदांता अस्पताल के डॉक्टर ने भोपाल के निजी मेडिकल कॉलेज के लाइन आफ ट्रीटमेंट पर संदेह जाहिर किया है. मध्य प्रदेश सरकार को निजी मेडिकल कॉलेज में कोरोना से हुई मृत्यु के प्रकरणों का डेथ ऑडिट कराने और इसके निष्कर्ष सार्वजनिक करने की मांग की है.