भोपाल। एमपी की खंडवा सीट पर लोकसभा (Khandwa Loksabha seat) के लिए उपचुनाव होने हैं. इसके लिए 8 अक्टूबर को नामांकन किया जाएगा. कांग्रेस की ओर से इस सीट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव (Congress Leader Arun Yadav) को प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा (MLA Shera Singh) और राजनारायण सिंह भी टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं. ऐसे में अरुण यादव दिल्ली पहुंच गए हैं. गुरुवार को यादव प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Ex-CM Kamalnath) से मुलाकात करेंगे.
मुकुल वासनिक से भी मुलाकात कर सकते हैं अरुण यादव
मिली जानकारी के मुताबिक, अरुण यादव दिल्ली प्रवास के दौरान प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) से भी मुलाकात कर सकते हैं. कमलनाथ ने मंगलवार को उपचुनाव के प्रभारियों से दूरभाष पर चर्चा की थी. खंडवा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मुकेश नायक को प्रभारी व राजकुमार पटेल को सह प्रभारी बनाया है. दोनों नेता पार्टी प्रत्याशी, पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय का काम करेंगे.
भाजपा से पहले उम्मीदवार घोषित करने चाहती है कांग्रेस
खंडवा के अलावा 3 विधानसभा सीटों पृथ्वीपुर, जोबट व रैगांव के लिए भी चुनाव (MP By-Election) होना है, इन तीन सीटों के लिए भी कांग्रेस ने प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्त किए हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 2 अक्टूबर को भोपाल में उपचुनाव के प्रभारी और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. कांग्रेस की रणनीति है कि चारों सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा भाजपा से पहले कर दी जाए.
बता दें कि 1962 से अब तक हुए 15 चुनाव में इस सीट पर 8 बार भाजपा तथा बीएलडी और 7 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. नंदकुमार सिंह चौहान और अरुण यादव के बीच तीन बार मुकाबला हुआ. इनमें दो बार अरुण यादव को हार का सामना करना पड़ा है. दिवंगत सांसद चौहान ने 6 बार खंडवा लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया.
लोकसभा सीट से उम्मीद, विधानसभा में हार का डर
उपचुनावों को लेकर किये गए सर्वे से पार्टी नेताओं के होश उड़े हुए हैं. यही वजह है कि पार्टी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इन क्षेत्रों में मोर्चा संभालने उतार दिया है. खुद सीएम भी उपचुनाव वाले इन क्षेत्रों में जनदर्शन यात्रा निकाल कर जनता के सामने अधिकारियों की क्लास लगाकर उन पर तत्काल कार्रवाई भी कर रहे हैं, लेकिन इन सब के बावजूद सर्वे का डर पार्टी को सता रहा है, हालांकि सर्वे के मुताबिक बीजेपी खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल कर सकती है, जबकि विधानसभा उपचुनावों के नतीजे पार्टी के लिए किसी बुरे सपने के तरह हो सकते हैं.
रैगांव विधानसभा
सतना की रैगांव विधानसभा सीट बीजेपी से दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन से खाली हुई थी. यहां से उनके बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी टिकट मांग रहे हैं, वहीं उनकी छोटी बहू वंदना बागरी भी दावेदारी कर रही हैं. इसके अलावा भाजपा नेत्री रानी बागरी और नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश कोरी भी दौड़ में है. दूसरी तरफ संघ से जुड़े सत्यनारायण बागरी और प्रतिमा बागरी भी दावेदारी जता रहे हैं. एक सीट के लिए इतने सारे लोगों का दावा अंतर्विरोध की वजह बन सकती है जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है. बीजेपी यहां सहानुभूति वोट की उम्मीद रखे हुए है लेकिन बागरी परिवार के बीच मचा द्वंद पार्टी पर भारी पड़ सकता है.
जोबट विधानसभा
सीएम शिवराज सिंह चौहान यहां जनदर्शन यात्रा निकालने के साथ ही इमोशनल कार्ड भी खेल चुके हैं. मुख्यमंत्री ने अपने हेलीकॉप्टर में आदिवासी को सवार करा कर यह संदेश देने की कोशिश की यह सिर्फ शिवराज में ही संभव है कि जो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर ना बैठा हो वह सीधे हेलीकॉप्टर में बैठ गया. कांग्रेस ने इस पर फोटो जारी कहा ये वो आदिवासी हैं जो बीजेपी और संघ से जुड़े हैं. इस सीट पर आदिवासी संगठन जयस भी बीजेपी का खेल बिगाड़ेगा. कांग्रेस अगर यहां कांतिलाल भूरिया की पसंद का उम्मीदवार उतार देती है बीजेपी की मुश्किलें और बढ़ेंगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की की तमाम कोशिशों के बावजूद भी भाजपा यहां पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. पिछले चुनाव में कांग्रेस की कलावती भूरिया ने यह सीट जीती थी, उनका कोरोना से निधन होने की वजह से ही यह सीट खाली हुई है.
पृथ्वीपुर विधानसभा
यह सीट पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह के दबदबे वाली मानी जाती रही है, लेकिन कोरोना में उनके निधन से यह सीट भी खाली हो गई. कांग्रेस चाहती है कि उनके परिवार से किसी को टिकट देकर सहानुभूति वोट बटोरे वहीं शिवराज ने जनदर्शन के दौरान यहां पर घोषणाओं का पिटारा खोलते हुए कई घोषणाएं की थीं जो कि पूरी नहीं की गई थीं. बीजेपी की अनीता नायक 2013 और 2018 तक विधायक रहीं लेकिन वे ज्यादा सक्रीय नहीं रही. इस बार बीजेपी से गनेणी लाल दावेदारी जता रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी दल को 5 बार के विधायक रहे बृजेन्द्र सिंह राठौर के परिवार से लड़ना है, जिनको कांग्रेस के गढ़ रहे इस इलाके में सहानुभूति वोट भी भरपूर मिलने की उम्मीद है.
खण्डवा (लोकसभा)
इस लोक सभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान यहां से सांसद थे लेकिन कोरोना काल में उनका निधन होने से यह सीट खाली है. यहां पर बीजेपी को सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है, लेकिन नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को टिकिट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं. उनके अलावा वर्तमान जिला अध्यक्ष भी दौड़ में शामिल हैं. बीजेपी के सामने यहां पर उम्मीदवार घोषित करने को लेकर असमंजस की स्थिति है बावजूद इसके खंडवा लोकसभा सीट पर बीजेपी की स्थिति कांग्रेस की तुलना में मजबूत है. कांग्रेस भी लोकसभा की इस सीट पर पूरा दमखम लगाना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने आने वाले दिनों में उपचुनाव वाली सीटों पर कमलनाथ दौरा प्लान किया है.