भोपाल। compensation on corona death: मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण ((corona) से मौत होने पर परिजनों को 50 हजार रुपए (50 thousand compensation) का मुआवजा दिया जाएगा. प्रदेश की शिवराज सरकार ने इस संबंध में कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं. इसमें कहा गया है कि अनुग्रह राशि पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट (death certificate) में कोविड से मौत होना जरूरी नहीं है. दस्तावेज प्रमाणित करने के अधिकार जिले कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी को दिए गए हैं, यह कमेटी 30 दिनों में निर्णय लेगी. 31 दिसंबर तक नए नियम लागू रहेंगे.
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सरकारी आंकड़ों में 10 हजार से ज्यादा मौतें
उल्लेखनीय है कि सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना संक्रमण से प्रदेश में अब तक 10,526 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि, इसके अलावा भी मौतें हुई हैं, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट में इसका उल्लेख नहीं किया गया.
कैसे मिलेगा मुआवजा?
कोरोना से मौत पर मृतक के परिजनों को मुआवजे की राशि के लिए डेथ सर्टिफिकेट देना होगा. राज्य सरकार यह पैसे स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) से देगी. डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी पैसों का वितरण करेगी. वहीं दावेदार को संबंधित अथॉरिटी के सामने आवश्यक दस्तावेज और डेथ सर्टिफिकेट पेश करने होंगे. उसके बाद दस्तावेज का वैरिफिकेशन किया जाएगा. अपील के 30 दिनों में अनुग्रह राशि दी जाएगी. यह राशि आधार कार्ड से लिंक होगी. डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर प्रोसेस से मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि मिलेगी.
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अगर डेथ सर्टिफिकेट नहीं हो तो…
ऐसी हालत में जहां कोई एमसीसीडी यानी डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना संक्रमण का उल्लेख नहीं है या मृतक के वारिस का उल्लेख सर्टिफिकेट में नहीं है, तो जिलास्तर पर गठित जिलास्तरीय कोरोना संक्रमण कमेटी से मृत्यु प्रमाणित करने के लिए समिति के समक्ष आवेदन कर पाएंगे.
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जिलास्तरीय समिति लेगी निर्णय
प्रदेश सरकार के निर्देश के अनुसार हर जिले में एक कमेटी बनाई जाएगी. इसमें अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सीएमएचओ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी या मेडिकल कॉलेज प्राचार्य या एचओडी (जिले में मेडिकल कॉलेज होने की स्थिति में) और विषय विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे. कमेटी की ओर से प्रक्रिया का पालन कर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा. अगर कमेटी यह पाती है कि मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई, तो प्रमाण पत्र जारी करेगी. इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेजों और परिस्थितियों का सत्यापन कमेटी करेगी. कमेटी द्वारा प्राप्त सभी प्रकरणों का निराकरण 30 दिनों में किया जाएगा. समिति द्वारा जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार को भी भेजा जाएगा.
ऐसी मौत पर मुआवजा नहीं
जहर, दुर्घटना, आत्महत्या या मर्डर को कोविड से मौत नहीं माना जाएगा, भले ही व्यक्ति उस दौरान कोविड से संक्रमित हो. साथ ही ऐसे व्यक्तियों व शासकीय कर्मियों के वारिसों को जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना, मुख्यमंत्री अनुकंपा नियुक्ति योजना या मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुग्रह योजना का लाभ दिया गया है या फिर जो इन योजनाओं में लाभ के लिए पात्र हैं, वह उन्हें इस मुआवजा का लाभ नहीं मिलेगा.