भोपाल। जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) पर शक्ति प्रदर्शन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) फिर आदिवासियों के बीच जा रहे हैं. 22 नवंबर को गौरव दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला का मंडला में समापन होगा. इसके बाद सीएम शिवराज 4 दिसंबर को टंट्या भील (Tantya Bhil) के शहीद दिवस पर पातालपानी में बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं.
इस कार्यक्रम की घोषणा उन्होंने कर दी है. अभी जिलों में जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम चल रहे हैं. इसके बाद बीजेपी आदिवासी अंचलों में भाजपा नेताओं की चौपाल शुरू करेगी. जिसमें समय-समय पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आदिवासियों के बीच फिर दिखाई देंगे.
4 दिसंबर को पातालपानी जाएंगे सीएम शिवराज
महू के पास पातालपानी में टंट्या भील (मामा) का मंदिर है. यहां हर साल उनके शहीद दिवस पर 4 दिसंबर को बड़ा मेला लगता है. जिसमें हजारों की संख्या में आदिवासी परिवार पहुंचते हैं. टंट्या मामा को याद करने के लिए उनके मंदिर के पास एक मिनट के लिए ट्रेन रुकती है. असल में यहां उनके शरीर को दफनाया गया था. उनके शहीदी दिवस पर भाजपा संगठन ने इसी दिन उनको श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा है. जिसमें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहेंगे.
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कौन थे टंट्या भील
आदिवासियों के बीच टंट्या भील की छवि रॉबिनहुड की थी. क्रांतिकारी टंट्या भील को लोग प्यार से टंट्या मामा कहकर बुलाते थे. टंट्या भील कई सालों तक ब्रिटिश शासन के सामने बड़ी चुनौती बनी रहे. 1874 से अपनी गिरफ्तारी तक ब्रिटिश शासन के खजाने को लूट कर गरीब जनता तक बांट देते थे. ब्रिटिश सरकार ने 19 अक्टूबर 1889 को उन्हें मृत्यु दंड दिया था.
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