भोपाल। गुरुवार को CM शिवराज सिंह चौहान ने वन्यप्राणी बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में कई मुद्दों पर सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए. बैठक में हीरा खदान, भोपाल के मास्टर प्लान, सागर के डाॅ. भीमराव अंबेडकर अभ्यारण्य सहित तमाम विषयों पर चर्चा हुई. सागर जिले में डाॅ. भीमराव अंबेडकर अभ्यारण्य शुरू करने पर जिला योजना समिति के अनुमोदन के बाद विचार किया जाएगा.
अफ्रीकी चीतों के लिए अनुकूल है मध्य प्रदेश
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान और नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण्य में चीतों के रहवास के लिए उपयुक्त स्थिति है. कूनो राष्ट्रीय उद्यान जो करीब 750 वर्ग किलोमीटर में क्षेत्र में फैला है. वहां सिर्फ एक गांव है. उस गांव के विस्थापन की प्रक्रिया जारी है. इसी तरह नौरादेही वन्यप्राणी अभ्यारण्य में 63 गावों में से 13 गांव विस्थापित किए जा चुके हैं. बाकी 15 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया जारी है. इस मामले में वैधानिक रूप से आवश्यक अनुमतियों के बाद काम को गति दी जाएगी. भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. वायवी. झाला मध्य प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में अफ्रीकी चीतों की अनुकूलता के संबंध में प्राथमिक सर्वेक्षण करेंगे.
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राजस्थान की तरह बने तेंदुआ रिजर्व
सीएम शिवराज ने प्रदेश में 3421 तेंदुए होने पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य में तेंदुआ संख्या करीब साढ़े तीन हजार है. यह निश्चित ही एक उपलब्धि है. टाइगर के बाद तेंदुआ राज्य बनने के बाद अन्य वन्यप्राणियों की श्रेणी में भी अग्रणी बनने की संभावनाएं बढ़ी हैं. बोर्ड के सदस्य अभिलाष खांडेकर ने सुझाव दिया कि राजस्थान में तेंदुआ रिजर्व बनाया जा रहा है, मध्य प्रदेश में भी ऐसा संभव है. जिसपर सीएम शिवराज सहमति जताई है.
टाइगर स्टेट के रूप में सुदृढ़ हो MP
बैठक में मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के रूप में स्थिति सुदृढ़ करने के लिए योजना पर भी चर्चा हुई. बाघों के शिकार की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई. वहीं प्रदेश में माधव, गांधीसागर और नौरादेही राष्ट्रीय उद्यान में हो रहे कामों पर भी विचार किया गया है. ये चारों राष्ट्रीय उद्यान भारत सरकार ने चयनित किए हैं.
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खरमौर के लिए कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर शुरू करने पर सहमति
बैठक में बताया गया कि धार जिले के सरदारपुर में वन्यप्राणी अभ्यारण्य का गठन खरमोर प्रजाति के पक्षी के लिए किया गया है. प्रदेश में धार के अलावा झाबुआ, रतलाम, मंदसौर और नीमच में ये पाए जाते हैं. इनकी संख्या कम हुई है. प्रदेश में खरमोर संरक्षण के लिए कंजर्वेंशन ब्रीडिंग केंद्र शुरू करने पर सहमति जताई गई है. इसके लिए करीब साढ़े तीन सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पूर्व में अधिसूचित किया गया था. खरमोर के लिए सैलाना अभ्यारण्य के पुनर्गठन प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई. सीएम शिवरान ने कहा कि खरमोर का संरक्षण महत्वपूर्ण है. इनके रहवास वाले क्षेत्रों में ऐसी फसलों को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे पक्षियों को भी भोजन मिल सके.
राज्य मछली महाशीर को बचाएंगे
प्रदेश के बड़वान वनमंडल में महाशीर संरक्षण योजना लागू की गई है. राज्य शासन ने महाशीर संरक्षण और प्रजनन पर 61 लाख रुपए की राशि खर्च की है. साल 2020 में महाशीर का चार बार कृत्रिम प्रजनन कराया गया, जिसके फलस्वरूप 4000 फ्राई प्राप्त किए गए. ये स्वस्थ स्थिति में है, इन्हें नर्मदा के जल प्रवाह में छोड़ा जाए. बोर्ड की बैठक में WWF(World Wide Fund) सदस्य ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में महाशीर संरक्षण के कार्यों का अध्ययन कर मध्य प्रदेश में श्रेष्ठ गतिविधियों को अपनाया जा सकता है. बैठक में जानकारी दी गई कि महाशीर संरक्षण के लिए प्रदेश में बीते नवंबर महीने में राज्य स्तरीय स्टियरिंग कमेटी भी बनाई गई है, जिसकी जल्द ही बैठक होने वाली है.
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बंद नहीं होगा हीरा खनन कार्य
बैठक में पन्ना जिले में गंगऊ अभ्यारण्य में NMDC(National Mineral Development Corporation) की 275 हेक्टेयर में हीरा खनन काम के संबंध में बोर्ड के सदस्यों ने चर्चा की. सीएम शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि हीरा खनन का कार्य बंद न हो. विकास हो और वन्य प्राणी संरक्षण भी हो. दोनों में संतुलन जरूरी है.