भोपाल। दावोस में वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की बैठक से लौटकर मुख्यमंत्री कमलनाथ बजट की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. मुख्यमंत्री ने इसके लिए 29 जनवरी को मंत्रालय में बैठक बुलाई है. बैठक में अधिकारियों को दस्तावेज सहित पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ बजट को लेकर अधिकारियों के काम करने के तरीकों से संतुष्ट नहीं है. उनका मानना है कि बजट में प्रस्ताव को परंपरागत तरीके से शामिल कर लिया जाता था, लेकिन अब दौर बदल चुका है. वित्तीय संसाधनों को लेकर नए-नए मॉडल अपनाए जाने लगे हैं, इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
अनुपूरक बजट के दौरान अधिकारियों से चर्चा में मुख्यमंत्री कमलनाथ इस और इशारा कर चुके हैं. यही वजह है कि वित्त विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गैरजरूरी योजनाओं को मिलाने या बंद करने पर विचार करें, जिसमें हितग्राहियों की संख्या बेहद सीमित हो और जो सालों से चल रही है. साथ ही ऐसी योजनाएं जिनमें दूसरी योजनाओं के हितग्राहियों के होने की संभावना हो उन्हें भी अलग कर नीतिगत निर्णय लिया जाए.
संबल योजना में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें हितग्राही दूसरी योजनाओं का भी लाभ ले रहे थे. केंद्र सरकार के रुख को देखते हुए सरकार विभागों की योजनाओं के बजट में कुछ संशोधन कर सकती है.