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कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक, सीएम कमलनाथ ने सदस्यों से मांगे सुझाव - Agricultural Advisory Council meeting

सीएम कमलनाथ ने भोपाल में कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक ली, इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश की हॉर्टीकल्चर की राजधानी बनने पर जोर दिया.

CM Kamal Nath took first meeting of Agricultural Advisory Council in bhopal
कृषि सलाहकार परिषद की बैठक
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Published : Feb 7, 2020, 7:10 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 8:30 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा है कि किसानों की आय में वृद्धि और उनकी क्रय शक्ति बढ़े और इस दिशा में कृषि सलाहकार परिषद परिणाम देने वाली संस्था बने. सीएम का लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश हॉर्टीकल्चर की राजधानी बने. क्योंकि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

कृषि सलाहकार परिषद की बैठक

बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए उनके सुझाव मांगे और कहा कि उनकी कोशिश है कि परिषद की बैठक में सिर्फ चर्चा ना हो. बल्कि उसके निष्कर्ष भी निकले. कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कहा कि वे अगली बैठक से पहले अपने सुझाव सचिव सलाहकार परिषद और उन्हें दें, जिससे उनका अध्ययन हो सके और अगली बैठक में उस पर चर्चा के साथ निर्णय हो.

सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. 70 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी से जुड़ी है, जब तक किसानों के पास क्रय शक्ति नहीं होगी तब तक आर्थिक गतिविधियों का विस्तार नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने हार्टीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसानों को विश्वास हो कि उनके द्वारा उत्पादित फसलों को खरीदा जाएगा.

परिषद के गठन और लक्ष्य की सराहना
कृषि सलाहकार परिषद के अशासकीय सदस्य और किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का ने हार्टीकल्चर प्रदेश बनाने की सोच को एक श्रेष्ठ विचार बताया. उन्होंने कुछ माह में ही किसानों के नामांकन, सीमांकन, नामांतरण के 2 लाख प्रकरण का निराकरण करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया, बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती के अलावा विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे.

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा है कि किसानों की आय में वृद्धि और उनकी क्रय शक्ति बढ़े और इस दिशा में कृषि सलाहकार परिषद परिणाम देने वाली संस्था बने. सीएम का लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश हॉर्टीकल्चर की राजधानी बने. क्योंकि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

कृषि सलाहकार परिषद की बैठक

बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए उनके सुझाव मांगे और कहा कि उनकी कोशिश है कि परिषद की बैठक में सिर्फ चर्चा ना हो. बल्कि उसके निष्कर्ष भी निकले. कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कहा कि वे अगली बैठक से पहले अपने सुझाव सचिव सलाहकार परिषद और उन्हें दें, जिससे उनका अध्ययन हो सके और अगली बैठक में उस पर चर्चा के साथ निर्णय हो.

सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. 70 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी से जुड़ी है, जब तक किसानों के पास क्रय शक्ति नहीं होगी तब तक आर्थिक गतिविधियों का विस्तार नहीं किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने हार्टीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसानों को विश्वास हो कि उनके द्वारा उत्पादित फसलों को खरीदा जाएगा.

परिषद के गठन और लक्ष्य की सराहना
कृषि सलाहकार परिषद के अशासकीय सदस्य और किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का ने हार्टीकल्चर प्रदेश बनाने की सोच को एक श्रेष्ठ विचार बताया. उन्होंने कुछ माह में ही किसानों के नामांकन, सीमांकन, नामांतरण के 2 लाख प्रकरण का निराकरण करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया, बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती के अलावा विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे.

Intro:भोपाल। कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि किसानों की आय में वृद्धि और उनकी क्रय शक्ति बढ़े, कृषि क्षेत्र मजबूत हो इस दिशा में कृषि सलाहकार परिषद परिणाम देने वाली संस्था बने। मेरा लक्ष्य है मध्यप्रदेश हार्टीकल्चर की राजधानी बने क्योंकि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। Body:बैठक में मुख्य मंत्री कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए उनके सुझाव मांगे और कहा कि उनकी कोशिश है कि परिषद की बैठक में सिर्फ चर्चा ना हो बल्कि उसके निष्कर्ष भी निकले।
कमलनाथ ने परिषद के सदस्यों से कहा कि वे अगली बैठक के पहले अपने सुझाव सचिव सलाहकार परिषद और उन्हें दें। जिससे उनका अध्ययन हो सके और अगली बैठक में उस पर चर्चा के साथ निर्णय हो।
कमलनाथ ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। 70 प्रतिशत आबादी खेती-किसानी से जुड़ी है। जब तक किसानों के पास क्रय शक्ति नहीं होगी तब तक हम आर्थिक गतिविधियों का विस्तार नहीं कर पाएंगे। छोटे-मोटे व्यापार व्यवसाय पनपे इसके लिए किसानों का आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने हार्टीकल्चर क्षेत्र को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि किसानों को विश्वास हो कि उनके द्वारा उत्पादित फसलों को खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिए हम किसानों की आय में वृद्धि कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में उनकी देश के बड़े उद्योगों से भी निरंतर चर्चा हो रही है। प्रदेश में अगर खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों का विस्तार होता है तो निश्चित ही हमारा प्रदेश हार्टीकल्चर के क्षेत्र में उन्नत प्रदेश के रूप में स्थापित हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने अपेक्षा कि कृषि सलाहकार परिषद किसानों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर उनकी जरूरतों और तंत्र के बीच में समन्वयक की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि परिषद के सभी सदस्य कृषि क्षेत्र में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को पहचानें और इसके आधार पर एक ऐसी रणनीति तैयार हो जिससे हम खेती-किसानी को लाभ का क्षेत्र बना सकें। उन्होंने कहा कि परिषद एक जवाबदेह मंच बने ऐसी मेरी मंशा है।
परिषद के गठन और लक्ष्य की सराहना
कृषि सलाहकार परिषद के अशासकीय सदस्य और किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने हार्टीकल्चर प्रदेश बनाने की सोच को एक श्रेष्ठ विचार बताया। उन्होंने कुछ माह में ही किसानों के नामांकन, सीमांकन, नामांतरण आदि के 2 लाख प्रकरण का निराकरण करने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती के अलावा विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे। Conclusion:
Last Updated : Feb 7, 2020, 8:30 PM IST
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