भोपाल। गुरूनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के आयोजन के मद्देनजर मंत्रालय में सिख समाज के प्रतिनिधि मंडलों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद प्रदेश भर से आए सिख समाज के प्रतिनिधिमंडलों से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगामी कार्यक्रम पर चर्चा की. इस दौरान सिख समाज के लोगों से सुझाव भी मांगे गए.
इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव को पूरे प्रदेश में ऐतिहासिक स्वरूप दिया जाएगा. मध्यप्रदेश में गुरुनानक देव की स्मृति से जुड़े स्थलों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा और उन्हें धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
प्रकाश पर्व पर धूमधाम से निकलेगी यात्रा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि गुरूनानक देवजी के 550वें पर्व पर प्रदेश से निकलने वाली यात्रा पूरे देश में ऐतिहासिक बने, इसके लिए हम निरंतर विचार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकाश पर्व पर यात्रा धूमधाम से उत्साह के साथ सभी वर्गों के साथ निकले, इसके लिए जरूरी है कि एक राज्य स्तरीय समिति बने, जिसमें हर वर्ग और प्रदेश के हर अंचल का प्रतिनिधि शामिल हो. समिति में राज्य सरकार की ओर से गृह, वित्त, संस्कृति और अध्यात्म विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
एक हफ्ते में गठित होगी समिति
सीएम कमलनाथ ने कहा कि समिति एक सप्ताह में गठित कर दी जाएगी. सभी लोगों के सुझावों के आधार पर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा. मुख्यमंत्री कमनलाथ ने सिख समाज के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि सिख एक बहादुर और स्वाभिमानी कौम है. मानवता की रक्षा के लिए हमारे सिख गुरुओं ने जो बलिदान दिया है, वह हमेशा इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया जाएगा.
जीतू पटवारी ने लिया एक टाइम खाना खाने का संकल्प
सीएम कमलनाथ ने कहा कि सिख समाज जैसी कोई कौम नहीं है, जिसकी पूरे विश्व में उपस्थिति हो. ये गर्व की बात है और इस तथ्य को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के सभी को निर्देश हैं कि गुरुनानक के 550वें प्रकाश पर्व को ऐतिहासिक स्वरूप दिया जाए. उन्होंने कहा कि इन्दौर में गुरुनानक देव द्वार बनाने की घोषणा पूरी होने तक वे एक टाइम भोजन करेंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह भी रहे मौजूद
बैठक के दौरान सिख समाज और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सिख समाज के लोगों की बैठक आयोजित की है. बैठक में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सरताज सिंह और प्रदेश के लगभग सभी जिलों से आए सिख समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे.