भोपाल। भोपाल के कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल (Fire in kamla nehru hospital) में लगी आग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी नाराजगी जताई है. गत दिनों कैबिनेट के साथ हुई बैठक को लेकर उन्होंने सबसे पहले आग की घटना का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को फायर ऑडिट कराने के आदेश दिये. वहीं अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग के PS (प्रमुख सचिव) मनीष सिंह ने इसकी रिपोर्ट मांगी है. इसके तहत प्रदेश के हर अस्पताल को 30 नवंबर तक फायर ऑडिट कराना होगा. अगर कोई अस्पताल ऐसा नहीं कराता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा.
अस्पताल और नर्सिंग होम को कराना होगा फायर ऑडिट
भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद सरकार अब अस्पतालों का फायर ऑडिट कराने वाली है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अपने बयान में कहा था कि 10 दिन में प्रदेश की सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों का फायर ऑडिट होगा. अब उसके आदेश निकल गए हैं. ऐसे में सभी अस्पतालों को 30 नवंबर तक फायर ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी. इसके लिए नगरीय विकास के 57 फायर इंजीनियर ग्राउंड रियलिटी चेक करेंगे.
कौन-कौन आयेंगे फायर ऑडिट के दायरे में
हॉस्पिटल नर्सिंग होम या फिर जिनका बिल्ट अप एरिया 500 मीटर से अधिक हो और ऊंचाई 9 मीटर से ज्यादा. इनमें फायर सेफ्टी उपकरण होने चाहिए. ताकि विषम परिस्थितियों में प्रारंभिक स्तर पर कंट्रोल पाया जा सके.
फायर सेफ्टी के इन नियमों का करना होगा पालन
फायर सेफ्टी को लेकर नए नियम बन गए हैं. अब हॉस्पिटल संचालकों को कम से कम 3 साल का अनुभव वाला अस्पताल में फायर ऑफिसर नियुक्त करना होगा. साथ ही हर साल ऑडिट रिपोर्ट नगरीय विकास में सबमिट करनी होगी. बता दें कि मध्यप्रदेश में 700 से ज्यादा अस्पताल और नर्सिंग होम बिना फायर ऑडिट के चल रहे हैं, जिनमें सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है. इनमें भोपाल के भी 70 से ज्यादा नर्सिंग होम और हॉस्पिटल हैं.
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हमीदिया की बिल्डिंग में लगी आग से लिया सबक
बता दें कि भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल कैम्पस स्थित कमला नेहरू में 8 नवंबर की रात में आग लगी थी. इसमें अब तक करीब 13 बच्चे दम तोड़ चुके हैं. हालांकि, मैनेजमेंट 4 मौत की पुष्टि आग लगने की वजह से कर रहा है. जांच में सामने आया कि बिल्डिंग में आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे. वहीं बिल्डिंग की कई साल से फायर ऑडिट की NOC भी नहीं थी.