भोपाल। प्रदेश में 24 मार्च से ही कोविड-19 संक्रमण के चलते पूरी तरह से लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. जिसकी वजह से प्रदेश में हो रही परीक्षाएं प्रभावित हुई थीं. ऐसी स्थिति में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के बचे हुए पेपरों पर सीधा असर पड़ा था. हालांकि प्रदेश सरकार के द्वारा एक बड़ा निर्णय लेते हुए कक्षा दसवीं के बचे हुए पेपरों की परीक्षा ना लेने का फैसला किया गया है. लेकिन इस फैसले के साथ ही दसवीं के छात्रों को "बेस्ट ऑफ फाइव" का लाभ नहीं मिल सकता है. सभी विद्यार्थी इससे वंचित रह जाएंगे.
![Class X students will be deprived of the benefit of best of five](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7257654_809_7257654_1589868987584.png)
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं बोर्ड के बचे हुए दो पेपर को राज्य सरकार के आदेश के बाद निरस्त कर दिया गया है. शासन ने दोनों पेपर में सभी को पास करने की घोषणा कर दी है. इससे विद्यार्थी को "बेस्ट ऑफ फाइव" योजना का लाभ नहीं मिलने वाला है. वहीं रिजल्ट पहले लिए गए पेपरों के आधार पर ही तैयार किया जाएगा. इसी आधार पर मेरिट का चयन भी किया जाना है. जिन विषयों के पेपर नहीं हुए हैं. उनको मार्कशीट में दिए जाते समय उन सभी विषयों के सामने केवल पास लिखा जाएगा.
इस वर्ष कक्षा दसवीं में दो विषय में सभी को पास करने के बाद भी फेल और सप्लीमेंट्री के विद्यार्थी बढ़ने की संभावना बनी हुई है. अधिकतर विद्यार्थी गणित या विज्ञान विषय में फेल होते थे. जिन्हें बेस्ट ऑफ फाइव के तहत पास किया जाता था. जब से ये योजना प्रारंभ हुई है तब से हर वर्ष प्रदेश के करीब 1 लाख विद्यार्थियों को "बेस्ट ऑफ फाइव" के तहत पास किया जाता है. बता दें कि मंडल ने 2016 -17 की बोर्ड परीक्षा से इस योजना को लागू किया था. इस योजना के तहत कक्षा दसवीं में छह विषयों में से सिर्फ पांच में ही पास होना अनिवार्य था. यदि विद्यार्थी एक पेपर में फेल हो जाता है तो उसे पास माना जाता है.
8 जून से 16 के बीच होगी 12वीं की परीक्षा
वहीं दूसरी ओर कक्षा 12वीं की परीक्षा 8 से 16 जून के बीच ली जानी है, जिसकी तैयारियां विभागीय स्तर पर शुरू कर दी गई हैं. कक्षा बारहवीं के अलग-अलग संकाय के 9 पेपर बचे हुए हैं. परीक्षा केंद्रों पर शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए बैठने की व्यवस्था में इस बार बदलाव भी किया जाएगा. बताया जा रहा है कि कक्षा दसवीं में लॉकडाउन के पहले लिए गए परीक्षाओं के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा रहा है. इसके पेपरों में छात्रों को पास किया गया है. लेकिन इस बार "बेस्ट ऑफ फाइव" योजना लागू नहीं की जा रही है.