दिल्ली। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने बुधवार को दिल्ली (Delhi) में निर्माणाधीन नए मध्यप्रदेश भवन का निरीक्षण किया. सीएम ने निर्देश दिये कि नये भवन में राज्य के वैभव के दिग्दर्शन के प्रयास होना चाहिए, साथ ही भवन में आधुनिक सुविधाओं जिसमें शासकीय बैठकें और बिजनेस मीट जैसे कार्यक्रम किये जा सकें साथ ही मध्यप्रदेश के जीवन मूल्यों, परम्पराओं, आस्थाओं, स्थापत्य कला, प्राकृतिक सुदंरता और महापुरूषों के आदर्शों की जानकारी मिलनी चाहिए.
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश की परम्पराओं और आस्थाओं को समाहित करते हुए महाकालेश्वर (Mahakaleshwar mandir) और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar jyotirlinga), अमरकंटक, मितावली मंदिर, संदीपनि आश्रम और ओरछा के राम राजा मंदिर (Orcha ram mandir) के साथ साँची, खजुराहो (Khajuraho), असीरगढ़ और मांडू (Mandu) की स्थापत्य कला का किसी न किसी रूप में नवीन भवन में समावेश होना चाहिए. रधुनाथ शाह, शंकरशाह, टंट्याभील, भीमा नायक और रानी लक्ष्मी बाई जैसे प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों के आदर्शां की झलक भी नये भवन में दिखनी चाहिए. भवन की लेंडस्केपिंग में प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों की प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय कला सम्मिलित होनी चाहिए.
एनबीसीसी (NBCC) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को निर्माणाधीन मध्यप्रदेश भवन की कार्य प्रगति से अवगत कराते हुए ड्राइंग के माध्यम से प्रस्तुति दी. सीएम के साथ आवासीय आयुक्त, अपर आवासीय आयुक्त और अन्य अधिकारी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नये मध्यप्रदेश भवन में मौलश्री का पौधा लगाया. मुख्यमंत्री एस.सी चौहान ने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के अपने संकल्प के क्रम में दिल्ली प्रवास के दौरान पौधारोपण किया.