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भोपाल: नहाय-खाय के साथ हो गयी महापर्व छठ की शुरुआत, खरना कल

देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का पहला दिन नहाए खाए से शुरू हुआ. राजधानी की शीतल दास की बगिया पर छठ पूजा की खास तैयारियां की गई हैं.

छठ पूजा की शुरुआत
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Published : Nov 1, 2019, 2:15 AM IST

भोपाल। भोजपुरी समाज के छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत नहाय-खाय के साथ गुरुवार को सूर्यास्त के साथ शुरू हो चुकी है. राजधानी की शीतल दास की बगिया पर छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मैया प्रसन्न होकर सभी की मनोकामनाएं पूरी कर देती है. वैसे तो छठ पूजा विशेष रुप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल में देखने को ज्यादा मिलती है.

महापर्व छठ पूजा की शुरुआत
राजधानी में भी भोजपुरी समाज विशेष पूजा अर्चना करता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का पहला दिन नहाए खाए से शुरू होता हैं. अगले 4 दिन तक सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की जाती है. 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ माई पूजा सूर्य षष्ठी पूजा आदि के नामों से जाना जाता है. चैत्र शुक्ल सृष्टि और कार्तिक शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है. गुरुवार से शुरू हुई छठ पूजा का समापन 2 नवंबर को किया जाएगा. राजधानी के शीतल दास की बगिया के साथ बरखेड़ा डी सेक्टर, हथाईखेड़ा डेम, सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल साकेत नगर पर छठ की पूजा की जाएगी.

भोपाल। भोजपुरी समाज के छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत नहाय-खाय के साथ गुरुवार को सूर्यास्त के साथ शुरू हो चुकी है. राजधानी की शीतल दास की बगिया पर छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं. मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मैया प्रसन्न होकर सभी की मनोकामनाएं पूरी कर देती है. वैसे तो छठ पूजा विशेष रुप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल में देखने को ज्यादा मिलती है.

महापर्व छठ पूजा की शुरुआत
राजधानी में भी भोजपुरी समाज विशेष पूजा अर्चना करता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का पहला दिन नहाए खाए से शुरू होता हैं. अगले 4 दिन तक सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की जाती है. 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ माई पूजा सूर्य षष्ठी पूजा आदि के नामों से जाना जाता है. चैत्र शुक्ल सृष्टि और कार्तिक शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है. गुरुवार से शुरू हुई छठ पूजा का समापन 2 नवंबर को किया जाएगा. राजधानी के शीतल दास की बगिया के साथ बरखेड़ा डी सेक्टर, हथाईखेड़ा डेम, सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल साकेत नगर पर छठ की पूजा की जाएगी.
Intro:हिंदुओं का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज से हुए 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का पहला दिन नहाए खाए से शुरू हुआ राजधानी की शीतल दास की बगिया पर छठ पूजा की खास तैयारियां की गई शीतल दास की बगिया पर प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी छठ पूजा का आयोजन विशेष रूप से किया जाएगा जिसके लिए अभी से तैयारियां पूर्ण हो चुकी है शीतल दास की बगिया पर तालाब की खासतौर पर छठ पूजा के लिए की गई


Body:भोजपुरी समाज के छठ पूजा महोत्सव की शुरुआत आज सूर्यास्त के साथ शुरू हो चुकी है राजधानी की शीतल दास की बगिया पर छठ पूजा के लिए विशेष तैयारियां की गई भोजपुरी समाज द्वारा 2 नवंबर को मनाए जाने वाले छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी है
मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मैया प्रसन्न होकर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण कर देती है वैसे तो छठ पूजा विशेष रुप से बिहार झारखंड पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल में देखने को मिलती है

वहीं राजधानी भोपाल में भी भोजपुरी समाज द्वारा विशेष पूजा अर्चना की जाती है 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का पहला दिन नहाए खाए से यानी कि आज से शुरू हो चुका है अगले 4 दिन तक सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की जाएगी 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा डाला छठ छठी माई छठ माई पूजा सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है चैत्र शुक्ल सृष्टि व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है आज से शुरू हुई छठ पूजा का समापन 2 नवंबर को किया जाएगा राजधानी के चार स्थानों पर छठ पूजा की तैयारियां खास तौर पर की गई है वही शीतल दास की बगिया पर महिलाओं द्वारा नहाए खाए के साथ पूजा की शुरुआत की गई सूर्यास्त से छठ पूजा शुरू हो जाएगी फैलाएं निर्जला व्रत रख सूर्य को अर्ध्य देकर 36 घंटे के निर्जला उपवास को पूरा करेंगे।
छठ पूजा के लिए राजधानी में खासतौर पर इन स्थानों पर छठ की पूजा की जाती है शीतल दास की बगिया , बरखेड़ा डी सेक्टर,हथाईखेड़ा डेम सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल साकेत नगर,

कोमल त्यागी महिला



Conclusion:हिंदुओं का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत आज सूर्यास्त से शुरू हो चुकी है 2 नवंबर को महिलाएं सूर्य को अर्ध्य देकर अपना व्रत पूरा करेंगी।
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