भोपाल| मध्यप्रदेश में भारी बारिश के कारण बने बाढ़ के हालात से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, जिसके चलते राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है. इस बीच केंद्र सरकार ने भी नुकसान का आकलन करने के लिए एक दल भेजने का आश्वासन दिया है.
दरअसल राज्य में बीते दिनों हुई बारिश के बाद बाढ़ के हालात बन गए हैं, जिसके कारण बड़े पैमाने पर फसलों और संपत्तियों को नुकसान हुआ है. वहीं राज्य में 45 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान का राजस्व और कृषि विभाग जायजा ले रहा है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य के लिए किए जा रहे प्रयासों का ब्योरा देते हुए केंद्र सरकार से तत्काल प्रारम्भिक आकलन के लिए अध्ययन दल भेजने का आग्रह किया, जिस पर केन्द्र ने एक अंतरमंत्रालयी दल शीघ्र भेजने का आश्वासन दिया है.
बता दें कि राज्य के 36 जिले भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं. जिसके चलते बाढ़ प्रभावित जिलों को 100 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है, ताकि प्रभावितों के रहने, खाने और अन्य नुकसान की भरपाई की जा सके. वहीं आपदा और बचाव कार्य पर भी 325 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
भारी बारिश और बाढ़ के चलते राज्य में सबसे बुरे हालात मालवा-निमाड़ के इलाकों के हैं. सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ने से अलीराजपुर, धार और बड़वानी जिले में और गांधी सागर के बांध के पानी से मंदसौर और नीमच जिले को भारी नुकसान हुआ है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बाढ़ से 200 से ज्यादा लोगों और 630 से ज्यादा जानवरों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 230 से ज्यादा मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि लगभग 10 हजार मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.