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पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, सरकार को योजना के नाम से आपत्ति - राज्य सरकार

भोपाल में पीएम आवास योजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार आमने सामने आ गई है, राज्य सरकार को इस योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना होने से ही आपत्ति है।

पीएम आवास योजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार आमने सामने आई
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Published : Sep 21, 2019, 3:25 PM IST

भोपाल। पीएम आवास योजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार आमने सामने आ गई है, केंद्र सरकार ने जहां राज्य के प्रतिशत में बढ़ोतरी की है तो वहीं राज्य सरकार को इस योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना होने से ही आपत्ति है।

पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने


पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि इस योजना में कई सारी त्रुटियां हैं, साथ ही केंद्र सरकार ने इसमें राज्य का प्रतिशत भी बढ़ा दिया है जिसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देती है. वहीं जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही होती है ऐसे में इस योजना के नाम में प्रधानमंत्री का नाम सामने आता है जबकि राज्य सरकार का भी इसमें पूरा योगदान रहता है इसलिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ इस योजना के नाम में राज्य सरकार का भी नाम होना चाहिए.


इसके अलावा मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि इससे पहले इस योजना का नाम इंदिरा आवास योजना था, इस योजना के तहत चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी अधिकार था कि वह पंचायत के जरिए जरूरतमंद व्यक्ति को आवास दिलवा सकते हैं, लेकिन इस योजना में जनप्रतिनिधियों को पात्रता नहीं दी गई है, मंत्री कमलेश्वर पटेल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए और इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर ही इसे चलाया जाए.


मध्यप्रदेश में करीब 4 लाख गरीबों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत पहली और दूसरी किस्त भी जारी कर दी गई है, साथ ही मंत्री कमलेश्वर पटेल ने यह भी बताया कि गरीबों से जुड़ी किसी भी योजना को बंद नहीं किया जा रहा है सिर्फ विसंगतियों को दूर किया जा रहा है.

भोपाल। पीएम आवास योजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार आमने सामने आ गई है, केंद्र सरकार ने जहां राज्य के प्रतिशत में बढ़ोतरी की है तो वहीं राज्य सरकार को इस योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना होने से ही आपत्ति है।

पीएम आवास योजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने


पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि इस योजना में कई सारी त्रुटियां हैं, साथ ही केंद्र सरकार ने इसमें राज्य का प्रतिशत भी बढ़ा दिया है जिसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देती है. वहीं जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही होती है ऐसे में इस योजना के नाम में प्रधानमंत्री का नाम सामने आता है जबकि राज्य सरकार का भी इसमें पूरा योगदान रहता है इसलिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ इस योजना के नाम में राज्य सरकार का भी नाम होना चाहिए.


इसके अलावा मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि इससे पहले इस योजना का नाम इंदिरा आवास योजना था, इस योजना के तहत चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी अधिकार था कि वह पंचायत के जरिए जरूरतमंद व्यक्ति को आवास दिलवा सकते हैं, लेकिन इस योजना में जनप्रतिनिधियों को पात्रता नहीं दी गई है, मंत्री कमलेश्वर पटेल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए और इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर ही इसे चलाया जाए.


मध्यप्रदेश में करीब 4 लाख गरीबों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत पहली और दूसरी किस्त भी जारी कर दी गई है, साथ ही मंत्री कमलेश्वर पटेल ने यह भी बताया कि गरीबों से जुड़ी किसी भी योजना को बंद नहीं किया जा रहा है सिर्फ विसंगतियों को दूर किया जा रहा है.

Intro:भोपाल- पीएम आवास योजना को लेकर राज्य और केंद्र सरकार आमने सामने आ गई है। केंद्र सरकार ने जहां राज्य के प्रतिशत में बढ़ोतरी की है तो वही राज्य सरकार को इस योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना होने से ही आपत्ति है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि पीएम आवास योजना में 40 प्रतिशत राज्य सरकार का होता है साथ ही जमीन भी राज्य सरकार ही मुहैया कराती है ऐसे में इस योजना में प्रधानमंत्री के साथ साथ राज्य सरकार का भी नाम होना चाहिए।


Body:प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि इस योजना में कई सारी त्रुटियां हैं साथ ही अब केंद्र सरकार ने इसमें राज्य का प्रतिशत भी बढ़ा दिया है जिसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत राशि देती है। वही जमीन और देखरेख की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही होती है ऐसे में इस योजना के नाम में प्रधानमंत्री का नाम सामने आता है जबकि राज्य सरकार का भी इसमें पूरा योगदान रहता है इसलिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ इस योजना के नाम में राज्य सरकार का भी नाम होना चाहिए।

इसके अलावा मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि पहले इस योजना का नाम इंदिरा आवास योजना था। इंदिरा आवास योजना के तहत चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी अधिकार था कि वह पंचायत के जरिए जरूरतमंद व्यक्ति को आवास दिलवा सकते हैं लेकिन इस योजना में जनप्रतिनिधियों को पात्रता नहीं दी गई है। मंत्री कमलेश्वर पटेल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाए और इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर ही इसे चलाया जाए।


Conclusion:प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य सरकार की कई आपत्तियां हैं हालांकि इस बीच मध्यप्रदेश में करीब 4 लाख गरीबों को आवास देने का लक्ष्य रखा गया है जिसके तहत पहली और दूसरी किस्त भी जारी कर दी गई है साथ ही मंत्री कमलेश्वर पटेल ने यह भी बताया कि गरीबों से जुड़ी किसी भी योजना को बंद नहीं किया जा रहा है सिर्फ विसंगतियों को दूर किया जा रहा है।

बाइट- कमलेश्वर पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, मध्य्प्रदेश।
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