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देवास, शाजापुर की घटना के बाद उठे सवाल, MP में देश की औसत से दोगुना हैं दलितों पर अत्याचार के मामले

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Published : Jul 4, 2021, 4:36 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 4:47 PM IST

मध्य प्रदेश के देवास में दलित परिवार की हत्या और शाजापुर में दलित शख्स के साथ मारपीट के बाद दलितों को लेकर सियासत गर्म है. कांग्रेस और बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोप के बीच दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड काफी चौंकाने वाला है. दलितों पर अत्याचार के मामले में मध्य प्रदेश का क्राइम रेट देश के औसत से दोगुना है.

MP में देश की औसत से दोगुना हैं दलितों पर अत्याचार के मामले
MP में देश की औसत से दोगुना हैं दलितों पर अत्याचार के मामले

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर दलितों को लेकर सियासत गरमाई हुई है. देवास के नेमावर में एक ही दलित परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर जमीन में गाड़ने की घटना को अब कांग्रेस सियासी मुद्दा बना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 5 जुलाई को नेमावर जाने वाले हैं. कमलनाथ के इस कदम को लेकर बीजेपी उन पर पलटवार कर रही है.

MP में दलित अपराधों का क्राइम रेट देश से दोगुना

सियासी बयानबाजी के बीच एनसीआरबी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. दलित अपराध के मामले में मध्य प्रदेश टाॅप 5 राज्यों में शामिल है. यह आंकड़े न बीजेपी की सरकारों में कम हुए और न ही कांग्रेस की 15 माह की सरकार में. 2019 में मध्य प्रदेश में दलितों के खिलाफ 5300 मामले हुए. दलितों से अपराध में मध्य प्रदेश का क्राइम रेट देश के औसत से दोगुना है. दलित अपराध में देश का औसत 21 फीसदी है, जबकि मध्यप्रदेश की अपराध दर करीबन 42 फीसदी है.

हर साल बढ़ रहे हैं दलितों पर अत्याचार के मामले
हर साल बढ़ रहे हैं दलितों पर अत्याचार के मामले

MP में पिछले दिनों हुई बड़ी घटनाएं

  • 1 जुलाई 2021 - शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया थाना क्षेत्र के ग्राम बिजाना में दबंगों ने धोखाधड़ी कर दलित की जमीन पर कब्जा किया. दलित ने विरोध किया तो वृद्ध पति-पत्नी और उसकी बहू के साथ मारपीट की गई और दलित को पेड़ से बांध दिया गया.
  • 30 जून 2021 - देवास के नेमावर में दलित आदिवासी वर्ग के 5 सदस्यों की हत्या कर उनके शवों को खेत में 10 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया. यह सभी 47 दिनों से लापता थे.
  • 1 जून 2021 - जबलपुर के खामरिया गांव में रहने वाले दलित युवक का सिर मुंडाकर और गले में जूते-चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया. इस मामले में आरोप है कि दलित युवक को उच्च जाति की लड़की से प्रेम करने की सजा दी गई.
  • 28 मई 2021 - खजुराहो से सटे एक गावं में दबंगों ने गभवर्ती महिला के साथ उसके बच्चों के सामने दुष्कर्म किया गया. पीड़ित परिवार को चार दिनों तक बंधक बनाकर भी रखा गया.
  • 21 अप्रेल 2021 - विदिशा के कुरवाई थाना क्षेत्र जमीन विवाद में 65 साल के दलित की हत्या कर दी गई. दलित ने समाज द्वारा बनाए गए मंदिर को तोड़ने से रोका था.
    देश में सबसे ज्यादा MP में हो रहा दलित-आदिवासियों से रेप
    देश में सबसे ज्यादा MP में हो रहा दलित-आदिवासियों से रेप

कर्ज देकर कब्जा ली दलित की जमीन! मारपीट कर खेत से भगाया, हाथ-पैर बांधकर पटका

हर साल बढ़ रहे हैं अत्याचार के मामले

मध्य प्रदेश में दलित अत्याचार के मामले देश के औसत से करीब दो गुना है. देश का औसत 21 फीसदी है, जबकि मध्य प्रदेश में अपराध की दर 42 फीसदी है. देश में होने वाले दलित अपराधों में 11 फीसदी मामले मध्य प्रदेश में घटित होते हैं. मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी करीब सवा करोड़ है. पिछले सालों में हुए दलित अपराध के आंकड़ों स्थिति की भयानकता को दर्शा रहे हैं.

  • 2019 - 5300 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2018 - 4753 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2017 - 5892 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2016 - 4922 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
    दलितों पर अपराध में MP सबसे ऊपर
    दलितों पर अपराध में MP सबसे ऊपर

दलित-आदिवासी महिलाओं से रेप के मामले में भी एमपी अव्वल

दलित बच्चियों से रेप, छेड़खानी के मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले नंबर पर है. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो 2019 में मध्य प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ रेप की 214 घटनाएं हुई, जो अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा थी. यही स्थिति आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के मामलों में भी है. 2019 में एमपी में आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के 1 हजार 922 मामले सामने आए थे. चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के 83 फीसदी मामलों में अपराधी बरी हो जाते हैं. सिर्फ 17 फीसदी अपराधियों पर ही अपराध साबित हो पाता है. इस तरह प्रदेश में आदिवासियों पर अपराध के मामले में सजा दिलाए जाने की दर यानी कन्विक्शन रेट सिर्फ 17 फीसदी है.

बीजेपी के शासनकाल में हो रहा है दलितों पर अत्याचार

5 जुलाई को नेमावर जाएंगे पूर्व सीएम कमलनाथ

प्रदेश में दलित अपराधों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है.पिछले दिनों नेमावर में हुई घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को पत्र लिखकर निशाना साधा है. उन्होंने घटना की सीबीआई जांच तक की मांग की. कमलनाथ घटना को लेकर 5 जुलाई को नेमावर भी जा रहे हैं. कांग्रेस की महिला नेत्री विभा पटेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और यही वजह है कि नेमावर जैसी घटनाएं हो रही हैं.

कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है: बीजेपी

कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है: बीजेपी

कमलनाथ के नेमावर जाने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा है कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब उनके निवास से कुछ दूर 3 घटनाएं हुई थी. तब भी वे बंगले से बाहर नहीं निकले. सारंग ने कहा कि कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है. सरकार ने नेमावर में दोषियों को पकड़ा गया है, दोषियों पर फास्ट ट्रेक में कार्यवाही होगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर दलितों को लेकर सियासत गरमाई हुई है. देवास के नेमावर में एक ही दलित परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर जमीन में गाड़ने की घटना को अब कांग्रेस सियासी मुद्दा बना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 5 जुलाई को नेमावर जाने वाले हैं. कमलनाथ के इस कदम को लेकर बीजेपी उन पर पलटवार कर रही है.

MP में दलित अपराधों का क्राइम रेट देश से दोगुना

सियासी बयानबाजी के बीच एनसीआरबी के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. दलित अपराध के मामले में मध्य प्रदेश टाॅप 5 राज्यों में शामिल है. यह आंकड़े न बीजेपी की सरकारों में कम हुए और न ही कांग्रेस की 15 माह की सरकार में. 2019 में मध्य प्रदेश में दलितों के खिलाफ 5300 मामले हुए. दलितों से अपराध में मध्य प्रदेश का क्राइम रेट देश के औसत से दोगुना है. दलित अपराध में देश का औसत 21 फीसदी है, जबकि मध्यप्रदेश की अपराध दर करीबन 42 फीसदी है.

हर साल बढ़ रहे हैं दलितों पर अत्याचार के मामले
हर साल बढ़ रहे हैं दलितों पर अत्याचार के मामले

MP में पिछले दिनों हुई बड़ी घटनाएं

  • 1 जुलाई 2021 - शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया थाना क्षेत्र के ग्राम बिजाना में दबंगों ने धोखाधड़ी कर दलित की जमीन पर कब्जा किया. दलित ने विरोध किया तो वृद्ध पति-पत्नी और उसकी बहू के साथ मारपीट की गई और दलित को पेड़ से बांध दिया गया.
  • 30 जून 2021 - देवास के नेमावर में दलित आदिवासी वर्ग के 5 सदस्यों की हत्या कर उनके शवों को खेत में 10 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया. यह सभी 47 दिनों से लापता थे.
  • 1 जून 2021 - जबलपुर के खामरिया गांव में रहने वाले दलित युवक का सिर मुंडाकर और गले में जूते-चप्पल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया. इस मामले में आरोप है कि दलित युवक को उच्च जाति की लड़की से प्रेम करने की सजा दी गई.
  • 28 मई 2021 - खजुराहो से सटे एक गावं में दबंगों ने गभवर्ती महिला के साथ उसके बच्चों के सामने दुष्कर्म किया गया. पीड़ित परिवार को चार दिनों तक बंधक बनाकर भी रखा गया.
  • 21 अप्रेल 2021 - विदिशा के कुरवाई थाना क्षेत्र जमीन विवाद में 65 साल के दलित की हत्या कर दी गई. दलित ने समाज द्वारा बनाए गए मंदिर को तोड़ने से रोका था.
    देश में सबसे ज्यादा MP में हो रहा दलित-आदिवासियों से रेप
    देश में सबसे ज्यादा MP में हो रहा दलित-आदिवासियों से रेप

कर्ज देकर कब्जा ली दलित की जमीन! मारपीट कर खेत से भगाया, हाथ-पैर बांधकर पटका

हर साल बढ़ रहे हैं अत्याचार के मामले

मध्य प्रदेश में दलित अत्याचार के मामले देश के औसत से करीब दो गुना है. देश का औसत 21 फीसदी है, जबकि मध्य प्रदेश में अपराध की दर 42 फीसदी है. देश में होने वाले दलित अपराधों में 11 फीसदी मामले मध्य प्रदेश में घटित होते हैं. मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी करीब सवा करोड़ है. पिछले सालों में हुए दलित अपराध के आंकड़ों स्थिति की भयानकता को दर्शा रहे हैं.

  • 2019 - 5300 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2018 - 4753 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2017 - 5892 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
  • 2016 - 4922 दलित अपराध के मामले दर्ज हुए
    दलितों पर अपराध में MP सबसे ऊपर
    दलितों पर अपराध में MP सबसे ऊपर

दलित-आदिवासी महिलाओं से रेप के मामले में भी एमपी अव्वल

दलित बच्चियों से रेप, छेड़खानी के मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले नंबर पर है. आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो 2019 में मध्य प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ रेप की 214 घटनाएं हुई, जो अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा थी. यही स्थिति आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के मामलों में भी है. 2019 में एमपी में आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के 1 हजार 922 मामले सामने आए थे. चौंकाने वाला तथ्य यह भी है कि आदिवासी महिलाओं से बलात्कार के 83 फीसदी मामलों में अपराधी बरी हो जाते हैं. सिर्फ 17 फीसदी अपराधियों पर ही अपराध साबित हो पाता है. इस तरह प्रदेश में आदिवासियों पर अपराध के मामले में सजा दिलाए जाने की दर यानी कन्विक्शन रेट सिर्फ 17 फीसदी है.

बीजेपी के शासनकाल में हो रहा है दलितों पर अत्याचार

5 जुलाई को नेमावर जाएंगे पूर्व सीएम कमलनाथ

प्रदेश में दलित अपराधों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है.पिछले दिनों नेमावर में हुई घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को पत्र लिखकर निशाना साधा है. उन्होंने घटना की सीबीआई जांच तक की मांग की. कमलनाथ घटना को लेकर 5 जुलाई को नेमावर भी जा रहे हैं. कांग्रेस की महिला नेत्री विभा पटेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और यही वजह है कि नेमावर जैसी घटनाएं हो रही हैं.

कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है: बीजेपी

कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है: बीजेपी

कमलनाथ के नेमावर जाने को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा है कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब उनके निवास से कुछ दूर 3 घटनाएं हुई थी. तब भी वे बंगले से बाहर नहीं निकले. सारंग ने कहा कि कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है. सरकार ने नेमावर में दोषियों को पकड़ा गया है, दोषियों पर फास्ट ट्रेक में कार्यवाही होगी.

Last Updated : Jul 4, 2021, 4:47 PM IST
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