भोपाल | मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट में दो दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव इस बैठक में लाए जाएंगे. इन प्रस्ताव में सबसे अहम प्रस्ताव सोलर पैनल प्रोजेक्ट माना जा रहा है. जो उद्योगों को महंगी बिजली और उसकी कमी को दूर करने का रास्ता साफ कर सकता है. साथ ही कमलनाथ सरकार नगरीय निकाय चुनाव में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है. इसके तहत महापौर और अध्यक्ष का चुनाव मतदाता नहीं बल्कि चुने हुए पार्षदों द्वारा ही किया जाएगा.
उद्योगों को सोलर बिजली उपलब्ध कराएगी सरकार
कैबिनेट मीटिंग में उद्योगों की छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली की कमी को दूर करने पर विचार किया जाएगा. सरकार ऐसा करके उद्योगों को महंगी बिजली से निजात दिलाने के लिए इस पर बातचीत करेगी. इसके साथ ही उद्योगों को रूफटॉप सोलर पैनल के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए पहला प्रयोग भोपाल के मंडीदीप में किया जाएगा. वहीं कंपनी का चयन टेंडर की जगह नीलामी से होगा इसमें उद्योगों के साथ बकायदा करार भी सरकार के द्वारा किया जाएगा.
नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन पर विचार
सीएम कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंग में नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन का अध्यादेश कैबिनेट में लाया जा सकता है. इस बदलाव के साथ ही निगम अध्यक्ष और सभापति का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाएगा. क्योंकि कांग्रेस अभी सीधे चुनाव कराकर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं उठाना चाहती है. इसीलिए निकाय चुनाव की पूरी व्यवस्था में ही बदलाव करना प्रस्तावित किया गया है.
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना की पात्रता शर्त में अब आयकर दाता होना अनिवार्य नहीं होगा. राज्य सरकार मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के ढांचे में भी बदलाव करेगी. भूमि अधिग्रहण और पुनः विस्थापन में उचित प्रति कर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम के नियमों में संशोधन कर खनिज पदार्थों पर परिवहन परमिट शुल्क की दरों में बढ़ोत्तरी सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.
मंडीदीप में लगाए जाएंगे सोलर पैनल
सरकार, उद्योगों की मांग को देखते हुए गैर परंपरागत ऊर्जा के माध्यम से सस्ती बिजली मुहैया कराने के प्रोजेक्ट को मंडीदीप से शुरू करने की योजना पर विचार कर रही है.
मंडीदीप को उद्योग नगरी भी कहा जाता है इस क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों के उद्योग स्थापित है. इस योजना के तहत उद्योगों की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे और उत्पादित बिजली को लेकर कंपनियों से करार किया जाएगा.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के द्वारा यह पहले ही सुनिश्चित कर दिया गया है कि 1 किलो वाट बिजली के लिए 100 वर्ग मीटर की छत होना जरूरी है छत जितनी बड़ी होगी उतने सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं इस माध्यम से मिलने वाली बिजली परंपरागत बिजली की तुलना में काफी सस्ती होगी.